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पुलिस के सामने लगाए खालिस्तान जिदाबाद के नारे, भड़के हिदू संगठन

शहर बंद करवाने को लेकर शनिवार को सारा दिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 12:02 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:09 AM (IST)
पुलिस के सामने लगाए खालिस्तान जिदाबाद के नारे, भड़के हिदू संगठन
पुलिस के सामने लगाए खालिस्तान जिदाबाद के नारे, भड़के हिदू संगठन

05 घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही शहर में

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04 घंटे दोनों तरफ से चलता रहा नारेबाजी का दौर

04 बजे के करीब माहौल हुआ शांत, पुलिस ने ली राहत की सांस जागरण संवाददाता, होशियारपुर : शहर बंद करवाने को लेकर शनिवार को सारा दिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। दल खालसा और कुछ अन्य संगठनों के प्रतिनिधि बाजार को बंद करवा रहे थे। दूसरी तरफ व्यापार संगठन के आह्वान पर संगठनों के प्रतिनिधियों ने बंद का विरोध किया। थाना सिटी के बाहर पुलिस के दीवार बनने से टकराव तो टल गया, लेकिन पांच घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब दल खालसा ने पुलिस के सामने खालिस्तान जिदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इससे भड़के व्यापारिक और हिदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने जवाब में खालिस्तान मुदार्बाद के नारे लगाए। कुल मिलाकर शहर में बंद का ऐलान बेअसर रहा। शहर की अधिकांश दुकानें खुली रहीं।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष गोपी चंद कपूर, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. रमन घई, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव ठाकुर लक्की सिंह, युवा नेता जिदू सैनी, निपुण शर्मा, अमित आंगरा, राजा सैनी, रणजीत राणा, कमलजीत सेतिया, टोनू सेठी, नितिन गुप्ता नन्नू, भारत भूषण वर्मा, सुरेश भाटिया बिट्टू, भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) अनिल हंस, श्री गुरु रविदास सेना से बलबीर विर्दी, राजपूत सभा से मोंटी ठाकुर, युवा ब्राह्मण सभा, स्वामी विवेकानंद युवा मंच, वीर हकीकत राय सेवा संघ, श्री बाला जी क्रांति सेना, हिदू सुरक्षा समिति, श्री साईं सेवा समिति, महावली महावीर सेवा समिति, आंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधि फगवाड़ा चौक पर इकट्ठा हो गए थे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वे व्यापारियों के हितों में ध्यान में रखते हुए किसी भी कीमत पर जबरदस्ती शहर बंद नहीं होने देंगे। पुलिस ने भी सुरक्षा की कमान संभाल ली। एसपी हेड क्वार्टर परमिदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था। इन नेताओं ने बाजारों में घूमकर दुकानें खोलने का अनुरोध किया। चौक घंटाघर के पास पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद और मेयर शिव सूद भी पहुंच गए थे। पुलिस ने इन्हें रोक लिया था।

दूसरी तरफ से दल खालसा के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के फैसले को लोकविरोधी करार देते हुए बंद करवाने के लिए प्रभात चौक पर इकट्ठा हुए। श्री गुरु रविदास सभा, भगवान वाल्मीकि सभाएं, मुस्लिम फ्रंट, अत्याचार विरोधी फ्रंट पंजाब, अंबेदकर फोरम, क्रिश्चियन फ्रंट के भी इनका समर्थन किया था। पुलिस ने सूझबूझ से काम लेते हुए इन्हें प्रभात चौक से सरकारी कालेज चौक, सेशन चौक से होते हुए रेलवे रोड लेकर पहुंची। बाजार बंद करवाने की कोशिश

लोगों ने बाजार भी बंद करवाए। लाइब्रेरी चौक पर मामला पेचीदा बन गया, क्योंकि बंद के समर्थक आगे जाने की बात पर अड़े थे, जबकि व्यापारिक संगठन और हिदू संगठनों के प्रतिनिधि इनका विरोध कर रहे थे। पुलिस को आशंका थी कि कहीं टकराव न हो जाए। इसीलिए वह वह दोनों पक्षों के बीच में दीवार बनकर खड़ी हो गई। करीबन चार घंटे तक दोनों तरफ से नारेबाजी का दौर चलता रहा। चार घंटे बाद पुलिस ने निकाला रास्ता

एसपी हेड क्वार्टर परमिदर सिंह ने करीबन चार घंटे बाद की मशक्कत के बाद मसला हल करने का रास्ता निकाला। दोनों पक्षों के पांच-पांच लोगों की बैठक कराई। काफी तर्क- वितर्क के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि बंद के समर्थक अपना रोष मार्च लाइब्रेरी चौक पर ही समाप्त कर लेंगे। शांतिपूर्वक आगे की तरफ निकल जाएंगे। यह भी शर्त रखी कि दुकानें भी बंद नहीं होंगी। चार बजे के करीब माहौल शांत हुआ तो पुलिस ने भी राहत की सांस ली।


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