सेहत सुविधाओं के लिए तरस रहा गढ़दीवाला
1977 में विधानसभा हलका बने गढ़दीवाला में सरकारी अस्पताल का सपना आज भी अधूरा है।
मुनिद्र शर्मा, गढ़दीवाला : 1977 में विधानसभा हलका बने गढ़दीवाला में सरकारी अस्पताल का सपना आज भी अधूरा है। 1977 के बाद कई सरकारें आईं और कई चली गई लेकिन किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जबकि पूरा इलाका अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हो रहा है। सत्ता के नशे मे चूर राजनीतिक नेताओं ने लोगों को अस्पताल के नाम पर सपने दिखाए। स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी गढ़दीवाला की रैलियों के दौरान अस्पताल बनाने की घोषणाएं की। कस्बा गढ़दीवाला के अधीन पड़ते 220 गांवों के लोगों को इलाज के लिए जालंधर, लुधियाना, होशियारपुर या चंडीगढ़ कर रुख करना पड़ता है।
डिस्पेंसरी में सुविधाएं नहीं
गढ़दीवाला के लोगों को अस्पताल के नाम एक छोटी सी डिस्पेंसरी ही मिल पाई है। जहां स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर हैं। 2002 में प्रदेश की अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार ने अस्पताल के नाम पर इमारत तो खड़ी कर दी, लेकिन उसे अस्पताल का दर्जा आज तक नही मिला।
मेडिक अफसर की पोस्ट भी खाली
इस सिविल डिस्पेंसरी मे स्थाई रुप से डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं है। इस डिस्पेंसरी में मेडिकल अफसर की पोस्ट कई सालों से खाली ही पड़ी है। मेडिकल अफसर की नियुक्ति के बिना इस डिस्पेंसरी मे लोगों को सेहत सहूलियतें न के बराबर मिलती हैं। एबुलेंस की सुविधा तक नहीं
सबसे बड़ी बिडंबना तो यह है कि इस डिस्पेंसरी में एंबुलेंस तक नहीं है। एमरजेंसी में भी मरीजों को निजी वाहनों में ले जाना पड़ता है। सड़क हादसों में जख्मीं लोग बी सड़क पर ही कहराते रहते हैं। दवाइयां भी दूसरे इलाकों से लाते हैं लोग
कस्बे मे चल रही डिस्पेंसरी में दवाईयां तक उपलब्ध नहीं है। ईलाज करवाने वाले मरीजों को बाहर से ही दवाईयों लानी पड़ती है। जोकि हरेक मरीज के बस की बात नहीं है। यहां मौजूद स्टॉफ पर सवालिया निशान अवश्य खड़ा हो रहा है कि जो दवाई सरकार की तरफ से आती है वह आखिरकार कहां जाती है।
1992 में हुई थी अस्पताल बनाने की घोषणा
1992 में जब पंजाब मे कांग्रेस की सरकार बनी तो उस समय मुख्यमंत्री बेअंत सिह ने गढ़दीवाला में एक समागम मे शिरकत करके कस्बे में 25 बिस्तरों का अस्पताल बनाने का ऐलान किया था। उस वक्त हलका गढ़दीवाला से कांग्रेस के विधायक मंत्री पद पर भी रहे लेकिन मुख्यमंत्री के ऐलान के बावजूद पूरे पांच साल तक किसी भी कांग्रेस के नेता ने कस्बे में अस्पताल बनाने की जहमत तक नहीं की। 2008 में गांव धुगा कला में एक समागम के दौरान मुख्यमंत्री प्रकाश सिह बादल ने कांग्रेस पार्टी से दो कदम आगे निकल कर कस्बे में 50 बिस्तरों का अस्पताल बनाने की घोषणा कर दी, लेकिन पूरे पांच साल तक यह घोषणा तक ही सीमित रही।
अस्पताल के लिए कर रहा हूं प्रयास : गिलजियां
विधायक संगत सिंह गिलजियां ने कहा कि इस डिस्पेंसरी में पक्के तौर पर चिकित्स की तैनाती की जाएगी जिससे लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इसके लिए डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए हाईकमान से बात की गई है, उम्मीद है कि जल्दी डॉक्टर व अन्य स्टॉफ की तैनाती हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल सुविधा के साथ साथ दवाइयों का प्रबंध भी किया जाएगा ताकि लोगों को भटकना न पड़े।