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लिफ्टिंग न होने से गेहूं का लगा अंबार, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट

होशियारपुर होशियारपुर दाना मंडी में गेहूं की आमद जोरों पर है और

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 06:52 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 06:52 PM (IST)
लिफ्टिंग न होने से गेहूं का लगा अंबार, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट
लिफ्टिंग न होने से गेहूं का लगा अंबार, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

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होशियारपुर दाना मंडी में गेहूं की आमद जोरों पर है और पिछले सालों के मुकाबले इस बार जिस हिसाब व तेजी से गेहूं की आमद हुई है, उससे प्रशासन की सारी प्ला¨नग चौपट सी हो गई है। गेहूं की लिफ्टिंग न के बराबर होने से किसान मंडी में परेशान हैं। कुल मिला कर प्रशासन गेहूं की लि¨फ्टग के मामले को लेकर सकते में है और इसकी सारी हकीकत मंडी में पड़ी गेहूं की भरी बोरियों के ढेरों से आसानी से लग सकता है। यहां हालात बद से बदतर हैं और किसानों की सुनने वाला कोई भी नहीं है। आलम यह है कि किसान बड़ी उम्मीद से फसल को मंडी में ला रहे हैं, परंतु उन्हें अपनी फसल को मंडी में उतारने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ नेता, प्रशासन व फूड सप्लाई अधिकारी हर रोज यह बयान दाग रहे हैं कि मंडियों में काम सही चल रहा है और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। मगर, दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। वहीं लिफ्टिंग के ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

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जल्द होगा लिफ्टिंग का काम शुरू

विभागीय अधिकारियों की मानें, तो लि¨फ्टग के लिए जिस ठेकेदार ने टेंडर भरे थे, उसे ब्लैक लिस्ट करके अब नया टेंडर भरा गया है। सारी कार्रवाई में कुछ समय लगता है अब जल्द ही लिफ्टिंग का काम शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि ई-टेंड¨रग के जरिये लिफ्टिंग का ठेका लेने वाले ठेकेदार ने रेट कम मिलने के कारण ठेका मिलने पर लि¨फ्टग करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। इसके बाद विभाग उसे मनाने में जुटा हुआ था, परंतु ठेकेदार ने विभाग की एक नहीं सुनी। जिस कारण विभाग ने उसे ब्लैकलिस्ट करके दोबारा टेंडर डलवाया है। विभाग के अधिकारियों द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि अब काम सही व समय पर हो पाएगा। अब देखना यह है कि नया ठेकदार विभाग की कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं। मगर, वर्तमान में मंडी में हालात गंभीर हैं। यदि मौसम का मिजाज गड़बड़ाया, तो कई टन गेहूं का नुकसान हो सकता है। हालांकि विभाग हर स्थिति से निपटने के दावे ठोक रहा है। मगर, जमीनी हकीकत हमेशा दावों से कोसों दूर रही है।

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उम्मीद से ज्यादा गेहूं पहुंची मंडी में

होशियारपुर में हर साल गेहूं की फसल धीमी गति से व अन्य मंडियों की अपेक्षा देरी पहुंचती रही है। मगर, इस बार गेहूं की फसल तेजी से मंडी में पहुंची है और वहीं ठेकेदार द्वारा लिफ्टिंग से हाथ खींच लेने के कारण स्थिति ने आग में घी का काम किया है। इसके कारण किसान मंडी में परेशान हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए हैं। विभाग के अधिकारियों की मानें, तो आगामी दो-तीन दिन में सारा काम सही ढंग से चल पड़ेगा।

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2 लाख टन गेहूं की आमद

जिला फूड एड सिविल सप्लाई अधिकारी रजनीश कौर ने बताया कि होशियारपुर मंडी में अब तक 2 लाख 43 हजार 792 टन गेहूं की आमद हो चुकी है। जो अपने आप में बंपर आमद है और यह बड़ी तेजी से हुई है। उन्होंने बताया कि इसमें से 2 लाख 43 हजार 108 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और जिसमें से 90 प्रतिशत गेहूं की पेमेंट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लिफ्टिंग की समस्या है और उसका हल भी जल्द कर दिया जाएगा। सारी तैयारियों मुकम्मल हैं और किसानों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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बारदाने में हो रही है हेराफेरी : रणधीर ¨सह

फोटो नंबर-68

गांव बडियाल के किसान रणधीर ¨सह का कहना है कि जूट के बारदाने की बोरी का वजन 500 ग्राम होता है और जबकि मंडी में इसका वजन 700 ग्राम आंका जा रहा है, यह किसानों से सीधा धक्का है। वहीं सरकार को गेहूं का रेट जीएसटी के हिसाब से लगाना चाहिए था, परंतु ऐसा भी नहीं हुआ। सरकार कहती है हम किसानों के साथ खड़े हैं। मगर, जमीनी हकीकत यह है कि सरकार मीठी बन कर किसानों को चूना लगा रही है।

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प्रशासन की ढीली प्रणाली में पिसते हैं किसान : जसपाल ¨सह

फोटो नंबर-69

गांव पट्टी के किसान जसपाल ¨सह का कहना है कि वह सुबह से मंडी में आया हुआ है और अभी तक उसकी फसल कहीं पर उतरी नहीं है। वह घंटों से मंडी में अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। किसान पहले खेतों में मरता है और बाद में मंडी बोर्ड व प्रशासन की ढीली प्रणाली उसे मंडी में मारती है। किसान जाए भी तो कहां जाए। किसान को तो यह भी नहीं पता होता कि उसे फसल उतारने के लिए कितने घंटे लगेंगे।

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नहीं है कोई मुकम्मल प्रबंध : सु¨रदर ¨सह

फोटो नंबर-70

सु¨रदर ¨सह हैदरोवाल का कहना है कि मंडी में प्रशासन का कोई प्रबंध मुकम्मल नहीं है। यही कारण है कि मंडी में न तो कोई जगह खाली है और न ही लि¨फ्टग हो रही है। ऐसे में हम जाएं, तो कहां जाएं। उन्होंने कहा कि हमारी परेशानी को लेकर प्रशासन कतई गंभीर नहीं है। यही कारण है कि किसान घंटों से इंतजार कर रहे हैं, परंतु अभी तक फसल मंडी में नहीं उतरी है। इससे किसान परेशान हैं।


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