Move to Jagran APP

रहें सजग : प्लेटलेट्स कम होने पर जरूरी नहीं डेंगू बुखार

बदलते मौसम के साथ ही बुखार की समस्या आम शुरु हो गई है। इस मौसम में मच्छर ज्यादा पैदा होते हैं। इनके काटने से कई तरह के बुखार चढ़ते हैं। अभी वायरल, और मलेरिया बुखार से पीड़ित मरीज ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि डेंगू बुखार के भी केस सामने आने लगे हैं। मगर, इन दिनों में बुखार चढ़ते ही डेंगू बुखार का हौवा सताने लगता लगता है। बुखार से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट्स की कमी पाई जाती है, लेकिन यह भी जरुरी नहीं है कि प्लेट्लेट्स कम होने पर डेंगू बुखार ही हो। वायरल बुखार होने पर भी प्लेटलेट्स कम हो जाता है। ऐसे म

By Edited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 03:19 AM (IST)
रहें सजग : प्लेटलेट्स कम होने पर जरूरी नहीं डेंगू बुखार
रहें सजग : प्लेटलेट्स कम होने पर जरूरी नहीं डेंगू बुखार
हजारी लाल, होशियारपुर बदलते मौसम के साथ ही बुखार की समस्या आम शुरू हो गई है। इस मौसम में मच्छर ज्यादा पैदा होते हैं। इनके काटने से कई तरह के बुखार चढ़ते हैं। अभी वायरल और मलेरिया बुखार से पीड़ित मरीज ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि डेंगू बुखार के भी केस सामने आने लगे हैं। मगर, इन दिनों में बुखार चढ़ते ही डेंगू बुखार का हौवा सताने लगता लगता है। बुखार से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट्स की कमी पाई जाती है। मगर, यह भी जरूरी नहीं है कि प्लेट्लेट्स कम होने पर डेंगू बुखार ही हो। वायरल बुखार होने पर भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। ऐसे में डरने की जरूरत नहीं होती है बल्कि चेकअप करवाना चाहिए। इस बारे में डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. सतपाल गोजरा से बातचीत की गई। डॉ. गोजरा से डेंगू, वायरल व मलेरिया बुखार के लक्षण व बचाव के बारे विस्तृत जानकारी दी। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश :- क्या डेंगू है व कैसे होता है? डेंगू वायरस से फैलता है। यह एडीज नामक मच्छर के काटने से पनपता है। यह मच्छर बरसात के दिनों में सक्रिय होता है। यह साफ पानी में पैदा होता है। जैसे कि कूलर, गमले तथा टायरों में पानी खड़ा हो। डेंगू बुखार के लक्षण क्या हैं? इसमें तेज बुखार होता है। तेज सिरदर्द होता है। खासकर आंखों के पिछले हिस्से में। मांस पेशियों व जोड़ों में दर्द। चमड़ी पर खून के लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। ज्यादा गंभीर केस होने पर मुंह व शौच के रास्ते से खून रिसना शुरू हो जाता है। ज्यादा खतरनाक स्थिति कब होती है? डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। प्लेट्लेट्स 20 हजार से कम होने पर खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ज्यादा खून बहने पर घातक भी हो सकता है। डेंगू की पुष्टि सिरोलाजी टेस्ट के बाद होती है। डेंगू से कैसे बचा जा सकता है? डेंगू के मरीज को मच्छरदानी के भीतर रखना चाहिए, ताकि उस मरीज को मच्छर काटने से बचाया जा सके। घरों व आसपास मच्छर नहीं पैदा होने देने चाहिए। डेंगू मच्छर दिन में ज्यादा अटैक करता है इसलिए पूरी बाजू का कपड़ा पहन कर रखना चाहिए। घरों में कूलर, गमले व टायरों में पानी कदापि नहीं जमा होने देना चाहिए। बुखार होने की सूरत में तुरंत सरकारी अस्पताल के डाक्टरों से संपर्क करें। वायरल बुखार कैसे फैलता है? वायरल बुखार किसी भी वायरस की वजह से फैल सकता है। खासकर मौसम बदलाव के समय में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें गला खराब हो जाता है। ठंड के साथ बुखार, मांस पेशियों में दर्द उठती है। जैसे डेंगू में प्लेट्लेट्स कम हो जाते हैं। वायरल बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। मगर, यह जरूरी नहीं कि किसी बुखार में प्लेटलेट्स कम हों, तो डेंगू बुखार ही है। वायरल से कैसे बचा जा सकता है? इसके लिए नियमित दिनचर्या रखनी पड़ती है। खान-पान में विशेष ध्यान रखना पड़ता है। ठंड व गर्म मौसम से बचना चाहिए। बदलते मौसम में ज्यादा ठंडा पानी पीने से भी परहेज रखना चाहिए। मलेरिया बुखार कैसे फैलता है? मलेरिया बुखार एनोफिलियश मादा मच्छर के काटने से पनपता है। इसमें तेज बुखार, कंपकंपी छूटती है। सिरदर्द और बुखार चढ़ता-उतरता रहता है। मलेरिया से कैसे बचा जा सकता है? मलेरिया बुखार से भी बचने के लिए घरों के आसपास मच्छरों को नहीं पैदा होने देना चाहिए।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.