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आत्मा को परमात्मा से जोड़ने पर ही मिलेंगे निरंकार : सुदीक्षा

मानव जीवन में मानवीय गुणों का ही महत्व है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:22 AM (IST)
आत्मा को परमात्मा से जोड़ने पर ही मिलेंगे निरंकार : सुदीक्षा
आत्मा को परमात्मा से जोड़ने पर ही मिलेंगे निरंकार : सुदीक्षा

जेएनएन, होशियारपुर : मानव जीवन में मानवीय गुणों का ही महत्व है। कर्म सही हों तो इनका असर शब्दों से अधिक होता है। यह उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने निरंकारी संत समागम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मानव जीवन केवल शरीर नहीं है, यह तन की पहचान नहीं है बल्कि असली रूप तो परमात्मा का अंश आत्मा रूप इसमें है। युगों-युगों से संतों ने यही पैगाम दिया है कि मनुष्य अपने असली रूप आत्मा को परमात्मा से जोड़े।

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परमात्मा और हममें कोई दूरी नहीं है, बल्कि दूरी तभी तक है, जब-तक इसका अहसास नहीं है। संत सदा ही परमात्मा से नाता जोड़ते हैं और फिर इंसान परमात्मा का रूप देखकर ही सभी का भला करते हैं। माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि इंसान का पिछला समय तो बीत गया, मगर वर्तमान में जो जीवन है, इसमें ऐसे कर्म करें कि किसी को खुशी दे सकें।

संत निरंकारी मंडल ब्रांच गुरुग्राम के संयोजक एमसी नागपाल ने गुरुग्राम, दिल्ली व आसपास से आए सभी सज्जनों, प्रभु-प्रेमी श्रद्धालु भक्तों, प्रशासन, पुलिस और जिमखाना क्लब आदि सभी सहयोगियों का धन्यवाद व्यक्त किया। हजारों श्रद्धालु भक्त नर-नारी गुरुग्राम, दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों से इस संत समागम में पहुंचे। इस समागम में हरियाणवी, हिदी, पंजाबी व अंग्रेजी भाषा में गीत, व्याख्यान, कविताएं, समूह गान, भजन व विचार आदि प्रस्तुत किए गए।


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