रामसर वेटलैंड पौंग बांध : 328 और विदेशी पक्षियों की मौत, जांच टीम के हाथ अभी भी खाली, रिपोर्ट का इंतजार
अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिदों की मौतों आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। रविवार को 328 और पक्षियों की मौत हो गई। इसमें 114 धमेटा व 214 पक्षियों की मौत नगरोटा सूरियां बीट में हुई है।
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिदों की मौतों आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। रविवार को 328 और पक्षियों की मौत हो गई। इसमें 114 धमेटा व 214 पक्षियों की मौत नगरोटा सूरियां बीट में हुई है। पौंग झील में विदेशी परिदों की 28 दिसबंर से हो रही लगातार मौतों का रहस्य अभी भी बरकरार है। अब मौत का आंकड़ा 1774 तक पहुंच गया है। गंभीर विषय है कि अब तक मौत का कारण ढूंढने के लिए गठित जांच टीमों के हाथ खाली है। जांच टीमों का ध्यान पोस्टमार्टम व पक्षियों के लिए गए खून के सैंपलों की रिपोर्ट पर टिका हुआ है। पक्षियों की हो रही लगातार मौत से पूरा विभाग सकते में हैं। डीएफओ राहुल एम रेहाणे ने बताया कि रिपोर्ट मंगलवार तक प्राप्त होगी। उसी से सारा मामला साफ हो जाएगा। वहीं विभाग ने झील में पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा वन्य प्राणी विग ने पौंग झील बंद कर इसके चारों ओर 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सभी गतिविधियों को फिलहाल बंद कर दिया है और इस बारे में जिला प्रशासन को अवगत करवा दिया है, लेकिन अभी तक इन परिदों की मौत की वजह का पता नहीं चल पाया है। वन्य प्राणी विभाग के विशेषज्ञों ने भी मौत की वजह जानने के लिए मृत परिदों के सैंपल जालंधर, बरेली और भोपाल भेजे हैं। हालांकि मौजूदा समय में एहतियात के तौर पर विभाग की टीम मृत मिल रहे परिदों को जला रही है, ताकि यदि कोई फ्लू हो तो वह फैल न सके।
एक किलोमीटर इलाके को अलर्ट जोन किया
डीएफओ राहुल एम रेहाणे ने बताया कि हिमाचल की तरफ पड़ने वाले इलाके में डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति द्वारा जारी आदेशों के चलते फतेहपुर, ज्वाली, नगरोटा सूरियां के अंतर्गत पड़ते पौंग झील के किनारे के एक किलोमीटर एरिया को अलर्ट जोन घोषित कर दिया है। एक से दस किलोमीटर एरिया को सर्बलेट जोन घोषित किया है। उपमंडल अधिकारी ने बताया कि एक किलोमीटर के अंदर आना-जाना पूर्ण तौर पर वर्जित कर दिया है। मछली पकड़ने के लिए भी प्रतिबंध लगा दिया है।
झील के किनारे न जाएं लोग
उधर, सरकार द्वारा अनाउंसमेंट करके भी पौंग बांध के आसपास रहने वाले लोगों को भी सूचित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति झील के किनारे न जाए। अगर कोई भी पक्षी मृत मिलता है, तो उसे न छुए व इसकी सूचना तुरंत वन्य प्राणी विभाग को दी जाए। 28 दिसंबर से तीन जनवरी तक जितने भी मृतक पक्षी मिले हैं उन सभी को एक गहरे गड्ढे में डालने के बाद अग्नि भेंट कर दफनाया गया है।