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देश को आस का आश्वासन नहीं, विकास चाहिए

होशियारपुर दिन वीरवार सुबह। रेलवे स्टेशन होशियारपुर। प्लेटफार्म में सवारिया बैठी हैं। दूसरे ट्रैक पर दिल्ली से सफर करके होशियारपुर पहुंची होशियारपुर-दिल्ली की ट्रेन विश्राम कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:33 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:20 AM (IST)
देश को आस का आश्वासन नहीं, विकास चाहिए
देश को आस का आश्वासन नहीं, विकास चाहिए

जागरण संवाददाता, होशियारपुर: दिन वीरवार सुबह। रेलवे स्टेशन होशियारपुर। प्लेटफार्म में सवारिया बैठी हैं। दूसरे ट्रैक पर दिल्ली से सफर करके होशियारपुर पहुंची होशियारपुर-दिल्ली की ट्रेन विश्राम कर रही है। पौने आठ बजने को हैं। मुसाफिर प्लेटफार्म से डीएमयू के आने के इंतजार में है। कुछ ही क्षणों में जालंधर से चलकर डीएमयू रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाती है। ट्रेन के रुकते ही सवारिया अंदर की ओर भागती हैं। सीट लेने की जद्दोजहद शुरू हो जाती है। हम भी ट्रेन के अंदर बैठ जाते हैं। सात बजकर पचास मिनट पर वही ट्रेन फिर से जालंधर की ओर कूच कर जाती है। ट्रेन में ज्यादातर मुसाफिर रोजाना ड्यूटी करने वाले दिखते हैं। ट्रेन के छूटने के बाद अधिकाश मुसाफिर मोबाइल फोन को देखने में विजी हो जाते हैं। हम इंतजार में हैं चुनावी चर्चा छिड़ने की। इसी बीच, सामने बैठे ओंकार चंद मोबाइल फोन से फुर्सत पाने के साथ ही अपने दोस्त देस राज से चुनावी चर्चा शुरू कर देते हैं। माहौल के बारे में सवाल दागते ही ओंकार चंद कहते हैं कि भाई यह सब वोट का व्यापार है। क्या लोग जानते नहीं हैं कि किसने जनता के लिए क्या किया है?

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जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि कम से कम खाते तो खुले। लोग बैंक तो पहुंचने लगे। इससे किसी का कुछ गया नहीं, बल्कि मिला ही है। पता नहीं, बैंक मैनेजर खाते खोलने में कितना नखरा दिखाते थे। यह मोदी सरकार की ही मेहरबानी है कि गरीब से गरीब घरों में खाते खुल गए। रसोई गैस का सपना हुआ पूरा

जिन लोगों ने रसोई गैस का सपना नहीं देखा था, आज उनके घरों में रसोई गैस सिलेंडर है। अब, सरकार सिलेंडर तो भरवानी नहीं आएगी। इस सरकार ने सिस्टम सुधारा है। तकलीफ लोगों को नहीं, बल्कि वोटों का व्यापार करने वाले नेताओं को है। उनके साथ बैठे देस राज उनकी हा में हा मिलाते हुए सिर हिलाते हैं। चुनावी चर्चा में और भी लोग शामिल हो जाते हैं। सब्जबाग दिखाने से कुछ नहीं होगा

पास ही बैठे भीम सिंह कहते हैं कि सब्जबाग दिखाने वाले वादे से कुछ नहीं होगा। जनाब, कहा से देंगे हर साल 72 हजार। कहा से आएंगे पैसे? देश की इकॉनामी बिगड़ जाएगी। मुद्दे की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। देश की बढ़ रही ताबड़तोड़ जनसंख्या रोकने की जरूरत है। रोजगार देने की जरूरत है। फिर, देश खुद-ब-खुद खुशहाल होने लगेगा। देश को मजबूत बनाने की जरूरत

चर्चा के दौरान गुलजार सिंह ने कहा नरेंद्र मोदी ने भी तो 15 लाख हरेक के खाते में आने के लिए कहा था? इस पर गुरसेवक जबाव देते हैं ऐसा नहीं कहा था। कहा था कि जितना काला धन विदेशों में पड़ा है। अगर सभी पैसे वापस आ जाएं तो हरेक व्यक्ति के खाते में 15 लाख जमा हो सकते हैं? देश को मजबूत बनाने की जरूरत है। फिरोजपुर से होशियारपुर ट्रेन में चर्चा

वापसी में हम फिर फिरोजपुर से होशियारपुर के लिए आ रही ट्रेन में बैठते हैं। जिस सीट पर हम बैठते हैं। वहा पर बैठे कमल किशोर कुछ लोगों के साथ चुनावी चर्चा में मग्न थे। हम भी उसमें शामिल हो जाते हैं। कमलेश कह रहे हैं कि देश को जरूरत है मजबूत सरकार की। इतने में उनके पास बैठे प्रभजीत सिंह सवाल दागते हैं कि काग्रेस ने भी अच्छा वायदा किया है। सरकार आने पर गरीबों को 72 हजार मिलेंगे। रोजगार की भी गारंटी दे रही है। ..भाई जी दिन में सपने देख रहे हो

कमलेश थोड़ा कड़क अंदाज में कहते हैं कि भाई जी, क्यों दिन में सपने देख रहे हो। चुनाव में ऐसे ही सपने दिखाए जाते हैं। जो कभी पूरा नहीं होते। ऐसी योजना आए कि बेरोजगारी रहे न। सभी को रोजगार मिले और कोई सरकार का मुंह न देखे। आज देश की हालत इसीलिए ऐसी है कि जिन्होंने लंबे समय तक राज किया है, उन्होंने समाज भलाई के लिए सोचा ही नहीं। चुनावी चर्चा जोरदार

चुनावी चर्चा जोरदार छिड़ चुकी थी। होशियारपुर आने वाला था। इतने में साथ बैठी विमला देवी अपने बेटे से कहते हैं कि टिकट रखी है संभाल के। इस पर तपाक से कमलेश ने कहा, फिक्र न करो। टीटीई नहीं आएगा। ठीक वही हुआ। ट्रेन होशियारपुर पहुंच गई और टीटीई नहीं आया। हम भी यही सोचते हुए नीचे उतर गए कि देश को आस दिखाने नहीं, बल्कि विकास के पटरी पर दौड़ाने टीटीई रूपी प्रधानमंत्री की जरूरत है। वर्ना देश की ट्रेन कहीं बिना टीटीई के न दौड़ता रह जाए..।


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