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पोलैंड के जंगल में मुकेरियां के युवक की मौत, दो माह बाद घर पहुंचा शव

स्पेन के लिए रवाना हुए युवक बलविदर सिंह की पोलैंड के जंगल में मौत हो गई। ट्रैवल एजेंट ने उसे स्पेन भेजने का वादा किया था लेकिन बाद में उसे यूक्रेन के जंगल में छोड़ दिया। जंगल में बर्फ में धंसने के कारण बलविदर सिंह की मौत हो गई थी। दो महीने बाद शुक्रवार को बलविदर का शव मुकेरियां में मोहल्ला तिखोवाल स्थित घर पर पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:05 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:20 AM (IST)
पोलैंड के जंगल में मुकेरियां के युवक की मौत, दो माह बाद घर पहुंचा शव
पोलैंड के जंगल में मुकेरियां के युवक की मौत, दो माह बाद घर पहुंचा शव

संवाद सहयोगी, मुकेरियां (होशियारपुर) : स्पेन के लिए रवाना हुए युवक बलविदर सिंह की पोलैंड के जंगल में मौत हो गई। ट्रैवल एजेंट ने उसे स्पेन भेजने का वादा किया था लेकिन बाद में उसे यूक्रेन के जंगल में छोड़ दिया। जंगल में बर्फ में धंसने के कारण बलविदर सिंह की मौत हो गई थी। दो महीने बाद शुक्रवार को बलविदर का शव मुकेरियां में मोहल्ला तिखोवाल स्थित घर पर पहुंचा।

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बलविंदर सिंह के भाई गुरविदर सिंह ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। वे लोग मजदूरी करते हैं। उसका छोटा भाई बलविदर सिंह (22) जालंधर में नौकरी करता था। उसने बताया कि जालंधर का युवक उसके साथ नौकरी करता है। उसके साथ विदेश भेजने की बातचीत हुई है। उस व्यक्ति ने उसे स्पेन भेजने के लिए एक ट्रैवल एजेंट से मिलवाया। 12 लाख रुपये में विदेश भेजने का सौदा तय हुआ। 26 अगस्त 2018 को ट्रैवल एजेंट ने बलविंदर को फोन कर एक लाख रुपये लेकर जालंधर बुलाया। बलविंदर और चाचा कुलवंत सिंह जालंधर गए। ट्रैवल एजेंट को एक लाख रुपये देने पर उसने पासपोर्ट दे दिया। तीन सितंबर बलविदर सिंह की दिल्ली से यूक्रेन के लिए फ्लाइट थी। दिल्ली एयरपोर्ट पर एजेंट ने 50 हजार रुपये और लिए। इसी तरह पांच और 14 सितंबर को उन्होंने 70 हजार और एक लाख रुपए और जमा करवाए।

परिवार ने एजेंट को देने के लिए दो लाख रुपए चाचा कुलवंत सिंह और एक लाख रुपए मामा से लिए थे। कुछ पैसा परिवार के लोगों ने जो कुछ बचाकर रखा था वह था।

गुरविंदर सिंह ने बताया कि चार फरवरी को अंतिम बार उसकी बलविंदर से बात हुई थी। उसने बताया था कि एजेंट ने स्पेन की जगह उन्हें यूक्रेन भेजा है। हालांकि वहां से उन्हें कार से स्पेन भेजने का वादा किया था लेकिन बाद में उन्हें जंगल के रास्ते स्पेन भेजा जा रहा है। उसके बाद उन्हें बलविंदर का कभी फोन नहीं आया। 31 मार्च को जालंधर से उनके घर फोन आया था कि यूक्रेन से बलविंदर और उसका साथी पांच फरवरी को बार्डर पार कर पोलैंड पहुंच गए थे। पोलैंड में बर्फबारी होने से वे जंगल में बर्फ में धंस गए जिसमें बलविदर सिंह की मृत्यु हो गई। उसके साथी ने वहां से दौड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई लेकिन पोलैंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में यूक्रेन के कैंप में भेज दिया गया। पुलिस ने तीन लोगों निश्चल सिम्मी निवासी जालंधर, अमरजीत सिंह निवासी फगवाड़ा और तलवाड़ा के रहने वाले एक आरोपित के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज किया है।


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