सिविल अस्पताल में सर्वर खराब, लोग हो रहे परेशान
इन दिनों सिविल अस्पातल में जन्म व मरण के प्रमाण पत्र लेने व इनके आवेदन देने वाले लोग परेशान हैं परेशान भी क्यों न हों जो काम सरकारी तौर पर 7 से 10 दिन में बन जाता है उसे करवाने के लिए कई कई महीने गुजर रहे हैं और लोग हर बार अगली तारीख लेकर बैरंग लौट जाते हैं।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : इन दिनों सिविल अस्पातल में जन्म व मरण के प्रमाण पत्र लेने व इनके आवेदन देने वाले लोग परेशान हैं, परेशान भी क्यों न हों जो काम सरकारी तौर पर 7 से 10 दिन में बन जाता है उसे करवाने के लिए कई कई महीने गुजर रहे हैं और लोग हर बार अगली तारीख लेकर बैरंग लौट जाते हैं। प्रमाण पत्र जारी करने व आवेदन लेने वाले काउंटर मौजूद डाटा आप्रेटर सारा दिन इधर-उधर घूमकर टाईम पास कर ड्यूटी बजाकर निकल जाती है। दूसरी तरफ अधिकारियों का भी लोगों को पेश आ रही समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जो पिछले तीन महीने से रोजाना चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिला है। कुल मिलाकर सारा सिस्टम ही फेल हो चुका है। जब डाटा आप्रेटर से बात की गई तो उसने कहा कि उसने समस्या संबंधी अधिकारियों को बताया है लेकिन जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई शिकायत मिली ही नहीं है। उन्होंने उल्टा डाटा आप्रेटर की गलती निकाल दी कि डाटा आप्रेटर ही ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है। अब सच कौन बोल रहा है यह तो पर्दे की पीछे की बात है लेकिन इसमें पिसने वाली तो आम जनता है जो परेशान हो रही है।
जब इस समस्या के संबंध में जागरण टीम को पता चला तो उन्होंने मौके का मुआयना किया। मौके पर कमरे बाहर लोग हताश इस उम्मीद में खड़े थे कि शायद उनकी आज बारी आ जाएगी और उन्हें प्रमाण पत्र मिल जाएगा। जब जागरण टीम ने लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो एक एक कर सारे अपनी परेशानी सामने रखने लगे। कमरे के बाहर मौजूद बंत सिंह पुत्र गुरदेव सिंह ने बताया कि वह अपनी पोती का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए आया है। हाथ में पकड़ी पर्ची दिखाते हुए बंत सिंह ने बताया कि वह पिछले तीन महीने से चक्कर काट रहा है। कल जब वह आया था तो उसने डाटा ऑपरेटर ने कहा था कि कल उनका प्रमाण पत्र मिल जाएगा। वह सुबह करीब 9 बजे अस्पताल में पहुंच गया था सुबह डाटा आप्रेटर कमरे में आई अपना टिफन रखा और निकल गई, कुछ देर बाद वह आई और यह कहकर लौट गई कि सर्बर नहीं चल रहा कुछ टैक्निकल खराबी है जब समस्या ठीक हो जाएगी तो प्रमाण पत्र मिल जाएगा लेकिन कब मिलेगा इसका पता नहीं है। मौके पर मौजदू राजन बताया कि वह प्राईवेट फैक्टरी में काम करता है और पिछले कुछ दिनों से वह हाफ डे लेकर आ रहा है लेकिन अभी तक उसका फार्म ही जमा नहीं किया गया। उसने बताया कि यदि 15 दिन में फार्म ही नहीं लिया तो प्रमाण पत्र कब देगें। इसके अलावा मौके पर मौजदू गुरविदंर निवासी आनंदगढ़, मनोहर लाल निवासी लेहली कलां, सुखदीप कौर, बेबी निवासी गढ़शंकर, नेहा देवी गढ़शंकर, योद्धा आदि मौजूद थे और सारे के सारे कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं और इस उम्मीद में शाम को आश्वासन लेकर लौट जाते हैं कि उनका काम कल हो जाएगा लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। सर्बर खराब है, हमने अधिकारियों को बताया है
इस संबंध में डाटा आप्रेटर डिपल ने बताया कि वह खुद परेशान हैं और उसकी लोगों के साथ सीधी डीलिग है लेकिन पिछले कुछ दिनों से सर्वर डाऊन है मैंने अधिकारियों को इस बारे में बताया है और अभी तक कुछ हल नहीं हुआ है। वहीं जब इस संबंध में एसएमओ डॉ. विनोद सरीन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ समस्या नहीं है हमें तो शिकायत ही नहीं आई है। वह खुद इस मामले की जांच करेगें। काम लटकाया जाता है
सूत्रों की माने तो यह सारा ड्रामा पिछले कई सालों से चल रहा है, दूर दराज के गांवों से आने वाले लोगों को परेशान किया जाता है, ताकि दो तीन बार चक्कर काट कर जब वह परेशान हो जाएं और जिसके बाद उनका रुख अस्पताल के बाहर बैठे एजेंटों तरफ हो जाता है जो मुंह मांगी कीमत मांग कर लोगों की जेबों पर डाका डालते हैं और इसका कुछ हिस्सा अंदर अधिकारियों तक चुपचाप अंडर टेबल पहुंच जाता है।