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गढ़शंकर के चार गांवों में अवैध माइनिंग

लंबे समय से गढ़शंकर में मिट्टी की माइनिंग हो रही है, लेकिन प्रशासन मौन धारण कर बैठा है। माइनिंग के खिलाफ आवाज उठाने वाला कोई नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 10:53 PM (IST)
गढ़शंकर के चार गांवों में अवैध माइनिंग
गढ़शंकर के चार गांवों में अवैध माइनिंग

रामपाल भारद्वाज, गढ़शंकर

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लंबे समय से गढ़शंकर में मिट्टी की माइनिंग हो रही है, लेकिन प्रशासन मौन धारण कर बैठा है। माइनिंग के खिलाफ आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। सूत्र बताते हैं कि सियासी और विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर गढ़शंकर के करीबी गांवों में सरेआम मिट्टी की अवैध माइ¨नग हो रही है। खनन माफिया मिट्टी के टिप्परों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों को लेकर पुलिस के सामने से गुजरता है, पर मजाल है कि कोई पुलिस मुलाजिम जा अधिकारी इन्हें रोकने की हिम्मत करे। अगर कोई पुलिस अधिकारी इन्हें रोक भी ले तो इनके सियासी आका फोन कर अपना बंदा है कह कर छुड़वा देते हैं।

अकाली भाजपा सरकार पर अवैध माइ¨नग जैसे कई आरोप लगा कर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी के राज में भी अवैध माइ¨नग रुकने का नाम नहीं ले रही है।

गढ़शंकर के गांव नंगला, रोडमाजारा और शाहपुर में माइ¨नग माफिया ने बकायदा सुनिश्चित तरीके से खेतों की मिट्टी खरीद कर उन्हें दूसरे ट्रैक्टर ट्राली वालों को बेच रहे हैं और वह लोग इस मिट्टी को गढ़शंकर के विभिन्न स्थानों में प्लाटों में डालने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। किसानों को भी अवैध माफिया मिट्टी उठाने के लिए पैसे दे देता है। माइ¨नग विभाग के एसडीओ आलोक चौधरी ने कहा कि मामला उनके ध्यान में है, शीघ्र ही माइनिंग माफिया पर कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी कार्यालय से होकर गुजरती है ट्रॉलियां

शहर के आसपास के गांवों में अवैध खनन माफिया अपने ठिकानों पर अवैध रैंप बनाकर सरेआम खनन कार्यो को अंजाम देने में लगे हुए हैं। अवैध खनन कर मिट्टी और रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली गढ़शंकर शहर से डीएसपी कार्यालय और पुलिस थाने के सामने से सरेआम गुजरती है। इन्हें न तो खनन विभाग के अधिकारी और न ही पुलिस विभाग के अधिकारी चेक करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। इन गांवों में हो रही माइनिंग

इन लोगों को राजनीतिक दलों का समर्थन है और तो और यह खनन माफिया वन विभाग की धारा चार की जमीन को भी नहीं छोड़ रहे। गढ़शंकर के करीबी गांव हाजीपुर, नंगला, शाहपुर और रोडमाजारा का दौरा करने करने पर देखा कि गांव के लोगों ने खेतों में पक्के रैम्प बना कर ट्रैक्टर ट्रॉली में रेत भरी जा रही थी। कोई भी स्वीकृति पत्र नहीं मिला

मिट्टी को उठाने वाले लोग यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने खनन विभाग से स्वीकृति ली हुई है पर कोई भी स्वीकृति पत्र नहीं दिखा सके। खनन माफिया ने मिट्टी और रेता ट्रैक्टर ट्रॉली में भरने के लिए बाकायदा पक्के रैम्प तैयार किए हुए हैं यहां से ट्रैक्टरों और जेसीबी मशीनों से मिट्टी-रेता भरी जाती है। पाइप लाइनों को भी उखाड़ा

हाजीपुर गांव में तीन जगहों पर रैंप बनाए गए हैं। इन लोगों ने सरकार द्वारा गांवों में संचाई के लगाए सरकारी ट्यूबवेल की अंडरग्राउंड पाइप लाइनों को भी उखाड़ कर फेंका दिया गया है। वहीं नंगला गांव में सरपंच के खेतों से 8 से 10 फुट गहरी मिट्टी उठाई गई है जिसके लिए न तो माइ¨नग विभाग से कोई मंजूरी प्राप्त की गई है और न ही इनवायरमेंट विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट। बिजली के कई खंभे गिरने की कगार पर

आनंदपुर साहिब रोड पर बन रही एक कॉलोनी में मिट्टी से भर्ती डाली जा रही है। नंगला गांव में माइ¨नग माफिया द्वारा मिट्टी उठाने के कारण बिजली विभाग के कई पोल बारिश होने पर गिरने के हालत में पहुंच गए हैं।

वाहन चालकों को हो रही परेशानी

इन मिट्टी से भरे वाहनों से बाइक और स्कूटी सवार लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है क्योंकि इस मिट्टी को यह लोग बिना ढके लेकर सड़कों पर चलते हैं जिससे यह मिट्टी उड़कर पीछे आने वाले लोगों की आंखों में पड़ जाती है जिससे अचानक आंख बंद होने से एक्सीडेंट तक हो जाता है।


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