मजदूरी में इजाफा करेगा परेशान, धान की सीधी बिजाई के लिए तैयार किसान
गेहूं के बाद अब धान की रोपाई का सीजन नजदीक आ रहा है। इसके लिए 15 दिन का समय बचा है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर: गेहूं के बाद अब धान की रोपाई का सीजन नजदीक आ रहा है। इसके लिए 15 दिन का समय बचा है। विभाग व प्रशासन किसानों को धान की सीधी रोपाई के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, क्योंकि काम जल्दी हो जाता है और लागत भी कम आती है। विभाग ने जिले में इस बार धान की बिजाई के लिए दस हजार एकड़ रकबा तय किया है। पिछले सीजन में यह केवल 15 सौ एकड़ था। मजदूरों के पलायन के बाद इस बार किसान धान की सीधी बिजाई का मन बना रहे हैं। विभाग के पास धान की सीधी बिजाई के लिए 11 मशीनें उपलब्ध हैं।
धान की सीधी बिजाई का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें पानी का कम प्रयोग होता है, क्योंकि पहले जमीन को नरम करने व तैयार करने के लिए भारी मात्रा में पानी का प्रयोग होता था और मेहनत भी काफी लगती थी। धान की सीधी बिजाई कुल मिलाकर किसानों के लिए लाभकारी है। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ घटता है। पिछले सीजन में यह विधि अभी नई थी और इसी के चलते विभाग ने कम रकबा चुना था।
मजदूरी में इजाफा करेगा परेशान
पिछले साल तक धान की बिजाई के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 35 सौ से लेकर चार हजार रुपये तक मजदूरी तय थी। इस बार लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होने से मजदूरों में आई कमी के कारण पहले ही मजदूरों ने मजदूरी बढ़ा दी है। इस बार प्रति एकड़ के हिसाब से सात हजार रुपये मजदूरी कर दी है। इस कारण किसान धान की सीधी बिजाई के लिए मन बना रहे हैं। क्योंकि जितने खर्च में किसान एक-दो एकड़ जमीन की बिजाई कर सकते हैं, उतने में सीधी बिजाई से वह अपना सारा काम निपटा सकते हैं।
मशीनों के लिए मिले 85 आवेदन
कृषि अधिकारी विनय शर्मा ने बताया कि इस बार धान की बिजाई के लिए 10 हजार एकड़ एकबा चुना गया है। हालांकि विभाग के पास अपनी 11 मशीनें हैं। मशीनों की इच्छा रखने वाले किसानों से आवेदन मांगे हैं और अब-तक जिला से कुल 85 आवेदन मिले हैं। इनमें से कुछ आवेदन किसान समूह व को-ऑपरेटिव सोसायटी ने दिए हैं। यह रहेगी सबसिडी की प्रक्रिया
इसके लिए किसानों को 50 फीसद सबसिडी भी दी जाएगी। विभाग की तैयारी पूरी है और जिनके आवेदन मिल चुके हैं, उतनी मशीनों की खरीद के लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और जल्दी ही यह मशीनें मुहैया करवा दी जाएंगी। सबसिडी लेने के लिए किसानों को मशीनों के खरीद के बिल व कुछ जरूरी कागजात देने होंगे, जिसके बाद एक प्रक्रिया के बाद सबसिडी भी किसानों के खातों में पहुंच जाएगी। इस दवा करें प्रयोग
कृषि अधिकारी विनय शर्मा ने बताया कि सीधी बिजाई के लिए नोमिनी गोल्ड दवा जरूरी है जो पहले 25 दिन का भीतर प्रयोग होती है। इसके अलावा बिजाई के चौबीस घंटे में स्टोप्म दवा का छिड़काव काफी लाभदायक है और उसका छिड़काव शाम के समय करना चाहिए।
किसान बोले-सीधी बिजाई के लिए बिजली मुहैया करवाए सरकार
सीधी बिजाई सबसे आसान तरीका: गुरविदर
किसान गुरविदर फंगूड़ा ने बताया कि धान की सीधी बिजाई काफी लाभदायक है। वह पहले भी इसी तरीके से धान का उत्पादन कर चुके हैं। इससे धान के झाड़ पर कोई असर नहीं पड़ा। अब मजदूरों के लिए भटकना नहीं पड़ता। सीधी बिजाई सबसे आसान तरीका है। सरकार सीधी बिजाई के लिए बिजली मुहैया करवाए ताकि बिजाई में कोई रुकावट न आए। खर्च में होती है बड़ी कटौती : ह्रदयपाल
लिद्दड़ गांव के रहने वाले किसान ह्रदयपाल सिंह ने बताया कि सीधी बिजाई किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। खर्च भी कम है और झाड़ पर भी कोई असर नहीं पड़ता। लॉकडाउन के कारण मजदूरों की कमी थी और मजदूर मनचाही मजदूरी मांग रहे हैं। इस बार प्रति एकड़ सात हजार रुपये मांग रहे हैं। जिस कारण वह सीधी बिजाई कर रहे हैं, इसे खर्च कम होगा।
समय व पानी की बचत : नवदीप
गांव सांदरा के रहने वाले किसान नवदीप सिंह भुल्लर ने बताया कि सीधी बिजाई से सिचाई में काफी फर्क पड़ा है, लगभग 60 फीसद फर्क। इससे एक तो पानी की बचत होती है, दूसरा समय की बचत होती है। कुल मिलाकर यह मुनाफे वाली तकनीक है। सरकार को सीधी बिजाई करने वालों को आठ घंटे बिजली मुहैया करवानी चाहिए, जो अभी नहीं मिल रही है। सीधी बिजाई के लाभ
1. पानी की बचत होती है।
2. खर्च कम आता है।
3. सारा काम आसानी से हो जाता है।
4. लेबर ढूंढने की समस्या से निजात।