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पांच लाख तो दिए पर परवान नहीं चढ़ पाया दातारपुर का सामुदायिक भवन

राजा दातार चंद की रियासत और बावा लाल दयाल जी महाराज की गद्दी वाले दातारपुर में एक सामुदायिक भवन की मांग बरसों से उठती रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 11:20 PM (IST)
पांच लाख तो दिए पर परवान नहीं चढ़ पाया दातारपुर का सामुदायिक भवन
पांच लाख तो दिए पर परवान नहीं चढ़ पाया दातारपुर का सामुदायिक भवन

सरोज बाला, दातारपुर

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राजा दातार चंद की रियासत और बावा लाल दयाल जी महाराज की गद्दी वाले दातारपुर में एक सामुदायिक भवन की मांग बरसों से उठती रही। इलाके के इस विशाल कस्बे को नेता लारे ही लगाते रहे। विवाह, शादी, अन्य समारोहों के आयोजन के लिए ऐसे भवन की मांग पूरी होने की संभावना तब जगी जब उस समय की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी ने दातारपुर में लोगों की मांग पूरी करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाकर 2013 मे सामुदायिक भवन के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की और तत्काल यह राशि उन्होंने जारी भी कर दी और सामुदायिक भवन के निर्माण की शुरुआत भी 2013 में हो गई। पंचायत ने छत तक डाल दी परंतु राशि समाप्त हो गई।

काम अधूरा रह गया न तो लगे और न ही न ही खिड़कियां लगाई गई। फर्श के बिना इस सामुदायिक भवन की हालत खंडहर नुमा बनी हुई है। उसके बाद पांच साल और गुजर गए। पर न तो किसी विधायक अथवा मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने ही इस भवन के लिए कोई अनुदान जारी किया नतीजतन यह भवन आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस समय इस में गंदगी का साम्राज्य है और यह आवारा पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है। बिना फंड अटका काम

दातारपुर के पूर्व पंचायत समिति सदस्य अनिल बिट्टू ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी के प्रयास और दी गई राशि से दीवारें तो बन गई और लेंटर भी डाल दिया गया पर आगे का काम बिना फंड के अटक गया। बिट्टू ने कहा न तो विधायक सुखजीत साही ने इस भवन के लिए कोई राशि दी और ना ही सांसद विजय सांपला ने जबकि कई बार मांग भी की गई। अधूरे कार्य के लिए ग्राट नहीं मिली

इस विषय में गांव की सरपंच कुसुम शर्मा ने कहा कि यह भवन आज भी अधूरा है और उपेक्षा का शिकार है। इस विषय में पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने तो क्षेत्रवासियों के कहने पर 2013 मे तत्काल पांच लाख रुपये दिए थे और शिलान्यास भी उन्होंने कर दिया था। उसके बाद मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया अब मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री को इस के लिए ग्रांट देनी चाहिए थी, पर न तो उन्होंने और न ही पूर्व भाजपा विधायक ने इस के लिए कुछ किया उन्होंने कहा अपने पार्टी के विधायक अरुण डोगरा से बात करेंगी ताकि इस की दशा सुधर सके।


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