किसान होगा खुशहाल तभी देश करेगा तरक्की: सांपला
कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से जिला स्तरीय किसान मेले का आज दशहरा ग्राउंड होशियारपुर में आयोजन किया गया।
जेएनएन, होशियारपुर : कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से जिला स्तरीय किसान मेले का आज दशहरा ग्राउंड होशियारपुर में आयोजन किया गया। मेले में मुख्य मेहमान के तौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने शिरकत की जबकि समारोह की अध्यक्षता डीसी ईशा कालिया ने की। मेले में खरीफ की फसलों, फसलों के अवशेष के प्रबंधन व सहायक धंधों के अलावा किसानों को तकनीकी जानकारी दी गई। किसान मेले में जिले भर से 60 से ज्यादा स्वयं सेवी संस्थाओं व कंपनियों की ओर से स्टाल व प्रदर्शनियां लगाई गई थी।
मेले में किसानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने कहा कि इस किसान मेले को लगाने का उद्देश्य यही है कि किसानों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के साथ-साथ मौजूदा समय में कृषि में आ रहे बदलावों के बारे में पता लग सके। उन्होंने कहा कि किसान खुशहाल होगा तभी देश तरक्की कर सकता है। सांपला ने किसानों को कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि यह करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी। सरकार की ओर से पंजाब के लिए 700 करोड़ रुपए किसानों के लिए भेजे गए ताकि वे कृषि में उपयोग होने वाले यंत्रों को सब्सिडी पर खरीद सके। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेषों का कृषि में ही प्रबंधन करने के लिए सरकार की ओर से किसानों, किसानों के समूहों व सहकारी सभाओं को 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई है। किसानों की सुविधा के लिए जहां उनकी जमीन की उपजाऊ शक्ति के लिए सायल कार्ड बन रहे हैं वहीं किसान टीवी व 1551 टोल फ्री नंबर के माध्यम से उनको आधुनिक कृषि के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इससे पहले सांपला ने किसान मेले में लगी प्रदर्शनियों व स्टालों का दौरा भी किया। डीसी ने कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुपों, सोसायटियां बना कर कृषि करनी चाहिए। अगर किसान समूह में कृषि करता है तो उसको कृषि में फायदा होता है। उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे फार्म मशीनरी बैंक इसकी उदाहरण है। पिछले वर्ष फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर जिले के किसानों ने धान की पराली को आग लगाए बिना खेत में ही प्रबंधन किया है। यही कारण है कि जिले के जागरुक किसानों के चलते होशियारपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला बना है जहां किसानों ने पराली को कम आग लगाई है। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत किसानों को वातावरण की शुद्धता बरकरार रखने के लिए एकजुटता के साथ आगे आना चाहिए। किसानों को यह भी अपील की कि वे वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए आगे आएं, क्योंकि फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इसके अलावा जमीन के अंदर के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं, जो जमीन के उत्पादन में असर डालते हैं। धुएं का छोटे बच्चों के फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। उन्होंने किसानों को फसली चक्र में से निकलकर फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि वह कृषि विभाग की सिफारिश अनुसार ही कृषि करें। अनावश्यक खादों का उपयोग कम से कम किया जाए।
इस अवसर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय(पीएयू) के अतिरिक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. दीदार ¨सह, पीएयू के अतिरिक्त निदेशक खोज डा. गुरसाहिब ¨सह व कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर(प्रशिक्षण) डा. म¨नदर ¨सह बौंस ने भी संबोधित किया। इस दौरान मुख्य मेहमान के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से पराली प्रबंधन अपनाने वाले गांवों और फसली विभिन्नता व अन्य कृषि गतिविधियों में शामिल अग्रणी किसान समूहोंको भी सम्मानित किया। इस मौके पर डिप्टी डायरेक्टर बागवानी डा. नरेश कुमार, डीडीएम नाबार्ड इंद्रजीत कौर, डिप्टी डायरेक्टर डेयरी द¨वदर ¨सह, डा. अरुणबीर ¨सह, डा. राकेश शर्मा, डा. पवित्तर ¨सह, डॉ. सुनील के अलावा अलग-अलग विभागों के प्रमुख व अग्रणी किसान भी मौजूद थे।