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हरजीत सज्जन कनाडा में दूसरी बार बने एमपी, गांव में बांटे लड्डू, डाला भंगड़ा

विदेश की धरती पर एक बार फिर पंजाबी मूल के निवासियों ने अपनी पहचान को बरकरार रखते हुए कनाडा में पंजाबियों का मान बढ़ाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:23 AM (IST)
हरजीत सज्जन कनाडा में दूसरी बार बने एमपी, गांव में बांटे लड्डू, डाला भंगड़ा
हरजीत सज्जन कनाडा में दूसरी बार बने एमपी, गांव में बांटे लड्डू, डाला भंगड़ा

रामपाल भारद्वाज, माहिलपुर

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विदेश की धरती पर एक बार फिर पंजाबी मूल के निवासियों ने अपनी पहचान को बरकरार रखते हुए कनाडा में पंजाबियों का मान बढ़ाया है। जिसके बाद पंजाब में स्थानीय निवासियों ने खुशी का इजहार लड्डू बांटकर व ढोल की थाप पर भंगड़ा डाल कर किया है।

जिला के गांव बंबेली में हरजीत सिंह सज्जन के घर में खुशी का माहौल बना हुआ है। क्योंकि कनाडा के एमपी चुनाव में एक बार फिर से पंजाबी मूल के निवासियों ने अपने नाम का डंका बजाया है, वहीं अपने देश का नाम भी रोशन किया है। कनाडा में प्रधानमंत्री ट्रूडो की सरकार में एक बार फिर से पंजाबियों का अहम योगदान देखा जा रहा है। सुखधारीवाल, बर्दिश चगर, जगमीत सिंह खालसा, बैंस व हरजीत सिंह सज्जन वे नाम हैं, जिन पर विदेश की धरती पर सिख कौम व पंजाबी व भारतीय होने पर नाज है। सन 2014 में दक्षिण वैंकूवर से पहली बार चुनाव जीतकर 2015 में जस्टिन ट्रुडो की सरकार में बतौर रक्षामंत्री के रूप में हरजीत सिंह सज्जन ने अपनी सेवाएं दी थी। दूसरी बार दोबारा जीत हासिल कर पंजाब वासियों व भारत का नाम रोशन करने वाले सज्जन के पैतृक गांव बंबेली होशियारपुर में भी दीपावली से पहले ही उत्सव का माहौल है। उनके चुनाव जीतने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची गांववासियों में हर्ष की लहर दौड़ गई। इसके बाद गांव वासियों व उनके सगे संबंधियों ने लड्डू बांटकर व कर अपनी खुशी का इजहार करते हुए ढोल की थाप पर भंगड़ा डालकर किया। इस अवसर पर गांव में उनके चाचा का लड़का नंबरदार जसवीर सिंह, पूर्व सरपंच सुखदेव सिंह, बचित्तर सिंह, मनदीप सिंह, सरवन सिंह, गांव की सरपंच जोती, जोगिदर सिंह, कश्मीर सिंह, अभिलाषा देवी व रंजीत सिंह ने बताया कि हरजीत सिंह सज्जन के द्वारा जीतने से गांव के लिए गौरव की बात है।

पांच साल के थे जब कनाडा गए

हरजीत सिंह सज्जन के पिता परिवार सहित 1976 में ब्रिटिश कोलंबिया गए थे, तो उस समय उनकी उम्र पांच वर्ष की थी। वहां, उसके पिता कुंदन सिंह ने आरा मशीन में तो माता ने खेतों में मजदूरी का कार्य किया था।

हरजीत सिंह सज्जन ने पढ़ाई करने के बाद 1989 में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट में भर्ती होकर 1991 में कमीशन अफसर बनने का गौरव प्राप्त किया और वह पहले सिख समुदाय से थे जिन्होंने कनाडा की सेना रेजीमेंट की कमान संभाली थी। सेना की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने कनाडा पुलिस की अपराध शाखा में जांच अधिकारी के रूप में कार्य किया।

पंजाब दौरे में उभरा विवाद

पंजाब दौरे के समय पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह ने उनसे मिलने से मना कर दिया था और आरोप लगाया था कि हरजीत सिंह सज्जन के संबंध चरमपंथियों के साथ रहे हैं। जिस कारण इलाके में मुख्यमंत्री के इस बयान की काफी निदा हुई थी।


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