भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनाया
श्री दुर्गा माता मंदिर लतीफपुर खानपुर में श्रीमद् भगवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन पंडित जितेंद्र शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा सुनाई।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : श्री दुर्गा माता मंदिर लतीफपुर खानपुर में श्रीमद् भगवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन पंडित जितेंद्र शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप में होता है। देवकी व वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वासुदेव का अर्थ है। जिसमें देव तत्व का वास हो। ऐसे व्यक्ति अगर विपरीत परिस्थितियों की बेड़ियों में भी क्यों न जकड़े हो, भगवान को खोजने के लिए उन्हें कहीं जाना नहीं पड़ता है। बल्कि भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त करा दिया करते हैं। कथा व्यास जितेंद्र शर्मा ने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में छह शत्रु हैं, काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ व अहंकार। जब हमारे अंदर के ये छह शत्रु समाप्त हो जाते हैं तो सातवें संतान के रूप में शेष जी जो काल के प्रतीक हैं, वो काल फिर मनुष्य के जीवन में आना भी चाहे तो भगवान अपने योग माया से उस काल का रास्ता बदल देते हैं। तब आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता है। जिसके जीवन में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई, तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। इस समय प्रधान मंदिर कमेटी अमर सिंह, छज्जू राम, राजकुमार, सूरत चंद, अश्विनी कटोच, प्रवीण कुमार, किशोर चंद, दलविदर सिंह, भूषण कुमार, सुरजीत सिंह, मलकीत सिंह, रजिद्र सिंह, जगदीप सिंह आदि उपस्थित थे।