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श्मशानघाट में जहर निगल कर बोली बुजुर्ग, बहू-बेटे ने घर से निकाल दिया

सिविल लाइन में रहने वाली बुजुर्ग को उसकी बहू और बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया। इससे परेशान बुजुर्ग सल्फास की गोलियां लेकर श्मशानघाट पहुंची और वहां पर इसे खा लिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 07:15 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 07:15 AM (IST)
श्मशानघाट में जहर निगल कर बोली बुजुर्ग, बहू-बेटे ने घर से निकाल दिया
श्मशानघाट में जहर निगल कर बोली बुजुर्ग, बहू-बेटे ने घर से निकाल दिया

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : सिविल लाइन में रहने वाली बुजुर्ग को उसकी बहू और बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया। इससे परेशान बुजुर्ग सल्फास की गोलियां लेकर श्मशानघाट पहुंची और वहां पर इसे खा लिया। उल्टियां आते देखकर लोग इकट्ठा हुए, तो उसने आपबीती सुनाई। आनन-फानन में उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर मौत हो गई। मृतका की पहचान गुरमीत कौर (75) पत्नी स्व. सेवा सिंह वासी न्यू सिविल लाइन के रूप में हुई है। मरने से पहले गुरमीत कौर ने सारी आपबीती सुनाई, जिसकी वीडियो भी बनी है। सोमवार सुबह करीब दस बजे गुरमीत कौर हरियाना रोड स्थित श्मशानघाट पहुंची। वहां पर सल्फास निगल लिया। कुछ समय बाद उसे उल्टियां आते देखकर अश्विनी शर्मा पहुंचे। कारण पूछने पर उसने बताया कि सल्फास निगल लिया है। साथ ही यह भी कहा कि बहू से घीया की सब्जी बनाने के लिए कहा था। इस पर बहू भड़क गई। उसे बहू-बेटा बहुत परेशान करते हैं। आज तो उसे घर से ही निकाल दिया। इससे दुखी होकर जान देने का फैसला किया।

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68 हजार देकर बोली, बेटा नहीं करेगा संस्कार

गुरमीत कौर ने बैग में 68 हजार रुपये भी रखे थे। अश्विनी शर्मा को पैसे देते हुए कहा कि इस पैसे से उसका अंतिम संस्कार व अन्य रस्म रीति कर देना। उसके बेटे को इसमें से एक पाई भी नहीं देना, न ही उसे संस्कार करने देना। इस बीच, सरकारी अस्पताल ले जाने पर गुरमीत कौर ने दम तोड़ दिया। हालांकि श्मशानघाट के सेवादारों और अश्वनी ने गुरमीत कौर को बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।

बेटे ने सुनाई पुलिस को यह कहानी

मां गुरमीत कौर की मौत होने के बाद बेटे जरनैल सिंह ने पुलिस को बताया कि 2015 में पिता की मौत हो गई थी जिससे मां गुमसुम रहती थी। पिछले कुछ दिन से तो वह किसी के बात भी नहीं करती थी। सुबह बिना बताए घर से चली गई, बाद में पता चला कि उन्होंने जहर खा लिया है। दूसरी तरफ, मरने से पहले गुरमीत कौर की बातों पर गौर करें तो जरनैल सिंह के बयानों में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसा लग रहा है कि जैसे वह पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए यह हथकंडा अपना रहा है। सवाल यह भी उठता है कि क्या कोई बुजुर्ग मरते वक्त झूठ बोलेगा।

दैनिक जागरण के पास बयान की रिकार्डिग मौजूद

मरने से पहले गुरमीत कौर की ओर से सुनाई गई आपबीती की वीडियो दैनिक जागरण के पास मौजूद है। वह बता रही है कि किस तरह से उसकी बहू और बेटे तंग करते थे। उसकी बातें सुनकर बड़ा तरस आ रहा था कि जिस बहू और बेटे को उसके बुढ़ापे की लाठी बननी चाहिए थी, उसी ने ही मरने पर मजबूर कर दिया।

मानसिक परेशान थी गुरमीत: एसएचओ

थाना सदर के प्रभारी तलविदर सिंह ने कहा कि गुरमीत कौर मानसिक परेशान थीं इसलिए ऐसा कर लिया। जब उसने पूछा गया कि मरने से पहले उन्होंने बयान दिया है कि बेटा और बहू तंग करते थे, उसे घर से निकाल दिया था। इस पर उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं। जांच कर लेते हैं।


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