स्वदेशी के आधार पर आर्थिक विकास ही एकमात्र विकल्प: दिनकर
संवाद सहयोगी दातारपुर सैकड़ों वर्षों की परतंत्रता के बाद आज हमारा भारत फिर से आत्मनिर्भर बन रहा है।
संवाद सहयोगी, दातारपुर
सैकड़ों वर्षों की परतंत्रता के बाद आज हमारा भारत फिर से आत्मनिर्भर बन रहा है। स्वदेशी की भावना को बल देते हुए कई क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश सह संयोजक दिनकर पराशर ने उक्त चर्चा करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में हमारा देश विश्व के अग्रणी देशों में से एक है। आज जबकि विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के साथ जूझ रहा है, तो वैक्सीन निर्माण में सारे देशों की नजर भारत पर टिकी हुई है। आज अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र जो पूरी तरह से भारतीय प्रौद्योगिकी के आधार पर विकसित हुआ है। उसने संपूर्ण विश्व में अपनी कामयाबी को स्थापित कर दिया है। विश्व के बड़े-बड़े राष्ट्र भी अपने अंतरिक्ष यानों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने के लिए भारतीय पीएसएलवी का सहयोग ले रहे है। आज भारत स्वदेशी तकनीक के बल पर चंद्रमा और मंगल तक पहुंच चुका है। आज हमारे पास स्वयं का नेवीगेशन नाविक सिस्टम है। जब अमरीका और यूरोप सरीखे सभी देश भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, तब भारत में स्वदेशी के आधार पर आर्थिक विकास ही एक मात्र विकल्प है। प्रबंधक कवीश शर्मा अनुबाला, सुनयना, दीपशिखा तथा अन्य उपस्थित थे।