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घर-घर नौकरी का दावा : वेटनरी अस्पताल में ही अधूरा स्टाफ

घर-घर नौकरी देने के दावे करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार के विभाग ही स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 04:55 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 06:30 AM (IST)
घर-घर नौकरी का दावा : वेटनरी अस्पताल में ही अधूरा स्टाफ
घर-घर नौकरी का दावा : वेटनरी अस्पताल में ही अधूरा स्टाफ

नीरज शर्मा, होशियारपुर

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घर-घर नौकरी देने के दावे करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार के विभाग ही स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। इसकी ताजा उदाहरण जिला वेटनरी अस्पताल है। यहां पर कुल 362 पद हैं जिनमें से 232 खाली हैं। यही नहीं, कई पद तो ऐसे हैं जो कई साल से रिक्त पड़े हैं और उनकी तरफ प्रशासन का आज तक ध्यान नहीं गया। गिने चुने डाक्टरों के कारण अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है। स्टाफ पूरा न होने से पशु पालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा एक्स-रे मशीन तो है पर टेक्निशियन नहीं है। यदि किसी पशु का एक्स-रे करना पड़े तो पशु पालकों को या दूसरे जिलों में जाना पड़ता है, नहीं तो क्लीनिकों पर धक्के खाने पड़ते हैं। इसके अलावा अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट का पद काफी समय से खाली पड़ा हुआ है और इन पदों को भरने के लिए सरकार व आलाकमान लापरवाह नजर आ रहा है। सेवानिवृत्त होते रहे मुलाजिम, घटता रहा स्टाफ

जब जिला होशियारपुर के रेलवे मंडी में अस्पताल का निर्माण करवाया गया था तब स्टाफ पूरा था। लेकिन समय के बीतने के साथ साथ सुविधा दुविधा में तबदील होती गई। सरकारी अमला रिटायर होता गया और नया कोई नहीं आया। इसके कारण व्यवस्था डगमगा सी गई है। सेवानिवृत्ति के खेल में सरकारी दावे फेल हो रहे हैं। नई भर्ती न होने से डाक्टरों सहित सेहत वर्करों पर बोझ बढ़ गया है। डाक्टरों की मानें तो खाली पदों के लिए कई बार रिमांइडर भी डाला गया परंतु हर बार इसे ठंडे बस्ते में रख दिया। लंबे समय से स्टाफ की कमी के कारण पशु पालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुप्रबंधन से पशुओं के जख्म हो रहे हैं हरे

सरकार व पशु पालन विभाग के दिशा निर्देशों के चलते भारी संख्या में किसानों ने डेयरी पालन को सहायक धंधे के तौर पर अपनाया है और अकसर पशु चोटों का शिकार होते हैं। सबसे गंभीर समस्या यह है कि हालत ज्यादा खराब होने के बाद कोई अपने पशु को अस्पताल में ले भी आए तो यहां एक्स-रे टेक्निशियन ही नहीं हैं। लिहाजा उस हालात में पशुओं पर देसी नुस्खे अपनाए जाते हैं जो बेजुबानों पर काफी भारी साबित होते हैं। इसके अलावा फार्मासिस्ट की पोस्ट भी कई साल से खाली पड़ी हुई है।

अस्पताल में मौजूदा स्थिति

-पद भरी रिक्त कुल

-सीनियर वेटनरी अफसर 02 01 03

-वेटनरी अफसर 21 63 84

-वेटनरी इंस्पेक्टर 41 85 126

-सीनियर सहायक 00 02 02

-स्टेनो टाइपिस्ट 00 01 01

-जेएफआइ 00 02 02

-मिल्क रिकॉर्डर 00 02 02

-ऑपरेशन रूम टेक्निशियन 00 01 01

-बैक स्टोर कीपर 00 03 03

-सेवादार 00 00 02

-दर्जा चार मुलाजिम 66 70 136 समय समय पर दिया जाता है रिमाइंडर : डा. हरजीत सिंह

डिप्टी डायरेक्टर वेटनरी विभाग डा. हरजीत सिंह ने बताया कि इस संबंधी विभाग की समय-समय पर होने वाली मीटिंग में रिमांडर दिया जाता है। हालात के बारे में आला कमान को बताया गया है, लेकिन फिर भी पद नहीं भरे गए।


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