देशभक्तों से जीवन से लें प्रेरणा : साध्वी वैष्णवी भारती
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रोशन ग्राउंड होशियारपुर में गो¨बदम भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसके अंर्तगत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री वैष्णवी भारती जी ने व्याख्यान दिया।
जेएनएन, होशियारपुर : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रोशन ग्राउंड होशियारपुर में गो¨बदम भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसके अंर्तगत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री वैष्णवी भारती जी ने व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि युवाओं में ऊर्जा का अजस्त्र स्त्रोत है परंतु आज उस शक्ति का प्रयोग वे गलत दिशा की ओर कर रहे हैं। वे ऐसी वेगवान नदी हैं जो किनारों की मर्यादा को समाप्त कर रही है। यदि इस सरिता पर बांध न बांधा गया तो यह भयावह रूप धारण कर लेगी। सरदार भगत ¨सह, राजगुरू, सुखदेव इत्यादि महान देशभक्तों ने अपने भीतर की शक्ति का सही दिशा में प्रयोग किया। किसी देश की पहचान वहां के युवाओं से की जाती है परंतु यदि नौजवान ही भ्रमित हो जाए तो देश को आतंकवाद, नशा, चरित्रहीनता इत्यादि भयंकर रोगों से कौन बचाएगा? इसलिए अपने भीतर की शक्ति को जगाना होगा, उस ईश्वर के परम प्रकाश स्वरूप को देश कर छुपी हुई चेतना जागेगी। देश को आज उन नौजवानों की आवश्यकता है जो त्याग, प्रेम, धैर्य की भावना से ओतप्रोत हों। जो फिर से भारत को पुन: अपनी पुरातन गरिमा एवं प्रतिष्ठा लौटाने में सहायक बन सकें।
मानव समाज की एक ईकाई है और जब तक ¨हसा, व्यक्तिचार, भ्रष्टाचार, वैमनस्य इत्यादि समस्याओं का मूल मानव नहीं परिवर्तित होगा। तब-तक स्वर्ग तुल्य समाज का सपना परिपूर्ण नहीं हो सकता। राम राज्य में एकता, भाईचारा, आपसी प्रेम समस्त जन मानस में विद्यमान था। ऐसा परिवेश आज भी बन सकता है पंरतु उस के लिए अपने मूल की और जाना होगा। वह है अध्यात्म, हमारी भारतीय संस्कृति का आधार, जिसके कारण हमारे देश का आज तक अस्तित्व है। लोहे एवं चुबंक में अंतर मात्र यही है कि चुंबक के समस्त अणु एक स्थान पर एक लक्षित हैं तथा लोहे में वे बिखेरे हुए हैं। जब मानव अपने मूल से परिचित होता है तो उसके भीतर संतुलन पैदा होता है। हमारा मूल अध्यात्म है जिस को जानने के बाद विवेकानंद जी ने भारतीय अस्मिता एवं गरिमा को विदेशों में स्थापित किया था। अर¨वदु जी, सुभाष चंद्रबोस, स्वामी राम तीर्थ जी देश भक्ति की भावना से तभी परिचित हो पाए जब अपने मूल को जाना। वन्दे मातरम, मेरा रंग दे बसंती चोला इन भजनों ने बरबस ही शहीदों की शहादतों को स्मरण करने के लिए विवश कर दिया। दीवाली मन का अंधकार मिटाने का प्रतीक है। दीपावली पर मिट्टी के दीये प्रज्जवलित करें। जिससे प्रकृति का संरक्षण हो सके। पटाखों पर्यावरण को दूषित करते हैं। जिससे हानिकारक गैसें निकलती है। ऐसे रसायन पदार्थ निकलते हैं जो त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसी दीवाली हो जो प्रकृति के वातावरण के मानवीय स्वास्थ के लिए उपयोगी हो। कार्यक्रम में सुमधुर भजनों का प्रस्तुतिकरण किया गया।
इस अवसर पर विशेष रूप में स्वामी विश्वानंद, साध्वी रुकमणि भारती, साध्वी क्षिप्रा भारती, विधायक डॉ. राज कुमार, विधायक अरुण डोगरा, विधायक पवन आदिया, अविनाश राय खन्ना, तीक्षण सूद, मेयर शिव सूद, एसएसपी जे इलनेचिलयन, साहिल सापंला, मुनीश गुप्ता, सन्नी शर्मा, नितिन गुप्ता नन्नू, संजीव तलवाड़, कमलजीत सेतिया, नायब तहसीलदार लवदीप ¨सह, अशोक चोपड़ा, सुनील कुमार पोंवरा, वीएस जसवाल, एसपी बलवीर ¨सह भट्टी, डीएसपी अरुण कोहली, भरत भूषण वर्मा, केशव सूद, गोपी चंद कूपर, पार्षद मीनू सेठी, पार्षद नीति तलवाड़, ता¨जदर सेठी, अशोक बग्गा एवं धर्मपत्नी, राकेश, माणिक, र¨वदर अग्रवाल, पार्षद सुदर्शन धीर, पार्षद कमलजीत कटारिया, तिलक राज गुप्ता, भोला गांधी, विन्दू सर सूद, निशी मोदी, सुमन गुलाटी, प्रशांत सेठी, डॉ.रा¨जदर शमर, अनुज सूद, एडवोकेट नवीन जैरथ, एडवोकेट विशाल मनोचा, रमेश चंद्र, अशवनी कूपर, सौरभ, ओमकार त्रेहन, संजीव अरोड़ा, विजय अरोड़ा, मुकेश, भगवान परशुराम सेना, बजरंग दल, श्री बाह्मण सभा प्रगति पंजाब, भारतीय सनातन धर्म महावीर दल, नई सोच वेलफेयर सोसायटी, धर्म जागरण समन्वय, धर्म जाग्रति मंच, रोटरी क्लब और धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े हुए अति विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।