पौंग बांध से डिस्चार्ज बंद, नहर की स्लैबों की हो मरम्मत
सरोज बाला, दातारपुर ब्यास नदी पर बनाए गए पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर झील से आजकल पान
सरोज बाला, दातारपुर
ब्यास नदी पर बनाए गए पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर झील से आजकल पानी का डिस्चार्ज बंद है, क्योंकि इस समय राजस्थान में गेहूं की फसल पक कर तैयार है और ¨सचाई के लिए वहां से इंडेंट अथवा पानी की डिमांड नहीं है। इसके चलते बांध की झील में जलस्तर बढ़ने की भी उम्मीद है। अब बांध से राजस्थान की मांग पर ही पानी छोड़ा जाएगा। इसके मद्देनजर इलाके के पूर्व चेयरमैन अनिल वशिष्ठ, कैप्टन र¨वद्र शर्मा, हरजीत ¨सह बिहाल, पूर्व चेयरमैन कंवर रत्न चंद, ब्लॉक समिति सदस्य अनिल बिट्टू ने मांग की है कि इस दौरान मुकेरियां हाइडल नहर की क्षतिग्रस्त स्लैबों की तत्काल मरम्मत करवाई जाए। जिससे नहर के क्षतिग्रस्त होने की आशंका न रहे।
उन्होंने बताया कि इस नहर की कुल लंबाई 35 किलोमीटर है और इस पर चार पनबिजली परियोजनाएं कार्यरत हैं जोकि भोडे दा खूह, हाजीपुर, रैली तथा ऊंची बस्सी में हैं और हर रोज 207 मेगावाट बिजली पैदा करती हैं तथा करोड़ों का राजस्व सरकार को देती हैं। मगर, यह नहर खुद बदहाल है। इसके दोनों किनारों की सैकड़ों स्लैबें बुरी तरह से टूटी हुई हैं। विशेषकर नहर के उद्गम स्थान शाह नहर बैराज के निकट झीर दा खूह के पास, गांव खटिगढ़ के पास और निक्कुचक आदि के निकट सैकड़ों स्लैबें क्षतिग्रस्त हैं। और यहां से रिसाव अथवा नहर के टूटने की आशंका बनी रहती है। वहीं यदि नहर बंद हो, तो बिजली उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आजकल इस नहर पर बने हुए चारो पावर हाउस बंद हैं।
रत्न चंद और अनिल ने कहा इस बंद की अवधि का इस्तेमाल विभाग मरम्मत करने में करे।
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मरम्मत के लिए सरकारी अनुमति जरूरी : एक्सईएन
उधर, इस बारे में मुकेरियां हाइडल नहर विभाग के एक्सईएन जेनरेशन केजी शर्मा का कहना है कि नहर तो बंद है। मगर, मरम्मत के लिए सरकार से अनुमति जरूरी होती है और जब भी अनुमति मिलेगी, मरम्मत करवाई जाएगी।