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पौंग डैम में जलस्तर घटा, घबराने की जरूरत नहीं : डीसी

बीबीएमबी की ओर से जो बीते दिन 26 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 12:20 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:39 AM (IST)
पौंग डैम में जलस्तर घटा, घबराने की जरूरत नहीं : डीसी
पौंग डैम में जलस्तर घटा, घबराने की जरूरत नहीं : डीसी

जेएनएन, होशियारपुर: बीबीएमबी (भाखड़ा -ब्यास प्रबंधन बोर्ड) की ओर से जो बीते दिन 26 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था। उसको फिलहाल टाल दिया गया है। क्योंकि पानी का स्तर काफी कम हो गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए डीसी ईशा कालिया ने बताया कि 4 सितंबर को पौंग डैम तलवाड़ा के पानी का स्तर 1386.16 फुट है। जबकि डैम में आने वाले पानी की मात्रा 18082 क्यूसिक है व आउटफ्लो 12174 क्यूसिक है। बीते दिन की अपेक्षा भी पानी का स्तर और कम हुआ है, इस लिए चिता की कोई बात नहीं है। पानी का स्तर इसी तरह ही रहा तो भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड की ओर से पानी नहीं छोड़ा जाएगा।

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बीबीएमबी के अधिकारियों से लगातार पौंग डैम का जायजा ले रहे हैं व फिलहाल जिले में पानी नहीं छोड़ा जा रहा। बीबीएमबी की ओर से पौंग डैम से 26 हजार क्यूसिक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था। जिसके अंतर्गत 14 हजार क्यूसिक पानी स्पिल वे द्वारा छोड़ा जाना था और 12 हजार क्यूसिक पानी टरबाइन के द्वारा छोड़ा जाना था। 12 हजार क्यूसिक पानी बीबीएमबी की ओर से रुटीन में ही छोड़ा जाता है। आज के पानी का स्तर और नीचे जाने से स्थिति स्पष्ट हो गई है कि फिलहाल पानी नहीं छोड़ा जाएगा। जिले में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं, परन्तु प्रशासन की ओर से बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं। सेक्टर वाइज टीमें तैनात कर दी गई हैं व एसडीएम मुकेरियां, एसडीएम दसूहा की निगरानी में बनाई गई टीमों की ओर से लगातार नाजुक गांवों का दौरा किया जा रहा है। जिला स्तरीय फ्लड कंट्रोल रुम के अलावा सब -डिविजन स्तर पर भी फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। प्रबंधों के लिए पुख्ता प्रबंध

स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग को उचित प्रबंध करने के लिए कहा, वहीं राशन आदि सुविधाओं के लिए खाद्य व सिविल सप्लाई विभाग को हिदायत की व पशुओं के लिए चारा आदि के प्रबंधों के लिए पशु पालन विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को हिदायत करते हुए कहा कि जिले में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं, परंतु फिर भी पुख्ता प्रबंध यकीनी बनाए जाएं।


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