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अवैध कालोनियां काट मोटी कमाई कर गए कोलोनाइजर, फंसे खरीदार

अवैध कॉलोनियां काट कर कोलोनाइजरों ने अपनी जेबें तो गर्म कर ली हैं लेकिन अब अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वाले मालिकों को रजिस्ट्री या फिर नक्शा पास कराने के लिए प्लाट मालिकों को जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 11:45 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 06:05 AM (IST)
अवैध कालोनियां काट मोटी कमाई कर गए कोलोनाइजर, फंसे खरीदार
अवैध कालोनियां काट मोटी कमाई कर गए कोलोनाइजर, फंसे खरीदार

हजारी लाल, होशियारपुर : अवैध कॉलोनियां काट कर कोलोनाइजरों ने अपनी जेबें तो गर्म कर ली हैं लेकिन अब अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वाले मालिकों को रजिस्ट्री या फिर नक्शा पास कराने के लिए प्लाट मालिकों को जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि प्लाट मालिकों के साथ सरासर नाइंसाफी है। कानूनी पेंचों से अंजान अवैध कालोनी में प्लाट खरीदने वाले लोग अब मजबूरीवश पैसे जमा करवाने पर विवश हो रहे हैं।

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सारा माजरा है क्या? अवैध कालोनियों को रेगुलर करवाने के लिए कोलोनाइजरों व राज्य सरकार के बीच फेंसा फंसा हुआ है। अवैध कालोनियों को वैध करवाने के लिए फीस जमा करवाने के लिए पहले बादल सरकार से कोलोनाइजरों का पेंच हुआ था। उसके बाद कांग्रेस सरकार आने पर भी फीस का मामला हल नहीं हुआ। लिहाजा, अवैध कॉलोनियां वैध नहीं हुई हैं। सरकार के आदेश के मुताबिक अवैध कॉलोनियों में बिना फीस जमा करवाए रजिस्ट्री नहीं होती है। अगर रजिस्ट्री हुई तो उसका नक्शा पास नहीं होता है। कोलोनाइजर हाथ पल्ला नहीं पकड़ाते हैं। ऐसे में बुरे फंसे प्लाट मालिक ही अवैध प्लाट की फीसें जमा करवाने पर मजबूर हैं।

प्लाट मालिकों पर फीस जमा करवाने का बोझ नहीं डालना चाहिए। क्योंकि उन्होंने तो कॉलोनी में प्लाट खरीदे हैं। आंकडों के मुताबिक नगर निगम की सूची में होशियारपुर में 150 से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं। इनमें से सिर्फ अभी तक कुछ गिनी चुनी कालोनियों को ही सर्टिफिकेट मिले हैं। पड़ताल करने पर मालूम पड़ा है कि पचास हजार से ज्यादा लोगों ने अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदे हैं। अब उन्हें प्लाट की रजिस्ट्री करवाने या फिर नक्शा पास करवाने के लिए प्लाट को वैध करवाने के लिए नगर निगम में फीस जमा करवानी पड़ेगी। ग्रामीण इलाके में अवैध कॉलोनी है तो उसके प्लाट मालिक को पुडा में फीस जमा करवानी पड़ती है। कालोनियां काटकर मोटी मलाई कोलोनाइजर खा गए और संताप आम जनता भुगत रही है। राज्य सरकार निकाले रास्ता, लोगों को दे राहत : पूर्व मेयर

नगर निगम के मेयर शिव सूद ने कहा कि पंजाब सरकार कॉलोनियों को वैध कराने के लिए कोई रास्ता निकाले। क्योंकि कोलोनाइजरों और सरकार की रस्साकशी में जनता पिस रही है। कोलोनाइजर पैसे नहीं जमा करवा रहे हैं। ऐसे में जुर्माना फीस प्लाट मालिकों को जमा कराना पड़ता है। राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से निपटाए। कोलोनाइजर फीसें जमा करवाएं ताकि जनता को इसकी मार न झेलनी पड़ी।


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