षडयंत्र रचना बंद करे केंद्र सरकार : किसान संगठन
किसान संगठन मोर्चा दिल्ली के आह्वान पर सोमवार को दोआबा किसान मोर्चा के प्रधान हरपाल सिंह संघा की अगुवाई में जिला एफसीआइ कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : किसान संगठन मोर्चा दिल्ली के आह्वान पर सोमवार को दोआबा किसान मोर्चा के प्रधान हरपाल सिंह संघा की अगुवाई में जिला एफसीआइ कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया। सुबह छह से 11 बजे तक किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि सुधार कानून वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार कानून थोप रही है जबकि किसान यह चाहते ही नहीं है। मोदी सरकार केवल कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए षडयंत्र रच रही है।
धरने को संबोधित करते हुए दविदर सिंह कक्कों ने बताया कि केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों को सबसे पहले पंजाब के 31 किसान संगठनों की ओर से मानने से इंकार कर दिया था। इसके चलते पिछले साल मार्च से वह प्रदर्शन करके केंद्र सरकार को तीनों कानून वापस लेने के लिए दवाब बना रहे थे। मगर, जब केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी, तो किसानों ने 27 नवंबर से दिल्ली कूच करके सिघु बार्डर के साथ-साथ दिल्ली के अन्य इलाकों को जाकर जाम कर दिया। इस जोश को देखते हुए पंजाब के साथ हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के किसान भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार आंदोलन को फेल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, फिर भी केंद्र सरकार मंसूबों में सफल नहीं हुई तो अब नया एलान कर दिया है कि फसल की सारी खरीद एफसीआइ की तरफ से की जाएगी और पैसे किसानों के खाते में सीधे जाएंगे। इसके लिए किसान को केवल जमीन की फर्द अपलोड करवानी होगी। मगर, यह भी फैसला मंजूर नहीं है। लगाए जा रहे हैं नए इलजाम : संघा
हरपाल सिंह संघा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर आए दिन नए नए इलजाम लगा रही है जिसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। पहले कहते थे कि किसान नहीं, आतंकवादी है। अब बोल रहे है कि पंजाब का किसान मजदूरों को बंधुआ बनाकर रखता है जबकि ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया। अब केंद्र सरकार बदनाम करने का नया फार्मूला तलाश रही है। उन्होंने कहा कि किसान 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर चुके हैं।
मांगें मानने तक मोर्चा खोलने का एलान
मेहताब सिंह हुंदल, ओम सिंह सटियाना, सतपाल सिंह मिजरापुर, रणजीत सिंह बाजवा, रणजीत सिंह काहरी, सुखपाल सिंह काहरी, जगतार सिंह भिडर, कुलभूषण प्रकाश सिंह सैनी, सुरजीत सिंह सैनी, राजिंद्र सिंह, लखविंद्र सिंह लक्खी, गुरमीत सिंह, महिद्र सिंह हीर, हरजीत गिल, लखवीर सिंह लक्खी, कश्मीर सिंह हरगढ़ व गुरदीप सिंह खुनखुन ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक इन काले कानूनों को वापस नही लिया जाता व एफसीआइ के आदेश को रद नहीं किया जाता तब तक घेराव करते रहेंगे।