भारतीय लोकतंत्र पर गहरा घाव था 1975 में लगा आपातकाल
होशियारपुर 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान है।
जेएनएन, होशियारपुर: 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान है। यह बातें पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने वीरवार को इस दिन को आपातकाल दिवस के तौर पर काले दिवस के रूप में मनाने के अवसर पर कहे। सांपला ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का कत्ल कर दिया था। आज भी उसी परंपरा का निर्वाह कांग्रेस कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सत्ता में होने के कारण कांग्रेस ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर भारतीय परंपराओं का गला घोंटा और अब सत्ता की लालसा के कारण देश को बाहरी सीमाओं व आंतरिक तौर पर कमजोर करने में लगी है। हमारी आने वाली पीढि़यां लोकतंत्र की परिभाषा एवं उस की मर्यादा को बचा सकें, इस के लिए उन्हें कांग्रेस की रची जा रही देश विरोधी साजिशों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर उनके साथ ज्ञान बंसल, यूथ डवलपमेंट बोर्ड पंजाब के पूर्व चेयरमैन संजीव तलवाड़, कमलजीत सेतिया, दिलबाग सिंह बागी, मनोज शर्मा, एडवोकेट नवजिदर सिंह बेदी, अश्विनी ओहरी, डॉ. पंकज, भारत भूषण वर्मा, रोहित सूद हनी व दीना नाथ भी उपस्थित थे।