कैप्टन सरकार ने उद्योगों को दिया महंगी बिजली का तोहफा
होशियारपुर कोरोना से त्रस्त मंदी की भारी मार झेल रहे पंजाब के हर वर्ग के लोगों पर कैप्टन सरकार ने कर का अतिरिक्त बोझ लादना शुरू कर दिया है।
जेएनएन, होशियारपुर: कोरोना से त्रस्त मंदी की भारी मार झेल रहे पंजाब के हर वर्ग के लोगों पर कैप्टन सरकार ने कर का अतिरिक्त बोझ लादना शुरू कर दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद व भाजपा नेताओं जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा,पूर्व मेयर शिव सूद, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य विजय पठानिया, जिला महामंत्री विनोद परमार,उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया बिट्टू,कृष्ण अरोड़ा ,करण कपूर,कुलदीप भारद्वाज, अर्चना जैन, रमेश ठाकुर, अशोक कुमार, अमरजीत सिंह, संजू अरोड़ा, अश्वनी गैंद व राज कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को लूटने का काम कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज में से कोरोना के कारण मंदी की मार झेल रहे लोगों में से लघु तथा मध्यम उद्योगों को सबसे अधिक राहतें दी गई है, परंतु पंजाब सरकार ने उद्योगों में उपयोग होने वाली बिजली के आदेशों ने उद्योगपतियों को केंद्र से मिलने वाली राहत का जायका खराब कर दिया है। पंजाब सरकार ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए लघु तथा मध्यम उद्योगों पर बिजली के रेट शाम छह बजे से रात दस बजे तक 12 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाकर साबित कर दिया है कि उन्हें पंजाब में उद्योगों को बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसी तरह रात को उपयोग होने वाली बिजली में जो 1.25 पैसे प्रति यूनिट की दर से जो राहत दी जाती थी, वह भी खत्म कर दी गई है। हैरानी की बात तो यह है कि बिजली की बढ़ी कीमतों की दरें एक जून से लागू होंगी। सरकार की इस कार्यवाही ने पंजाब में उद्योगों को बढ़ावा देने के सभी दावों की पोल खोल दी है। कांग्रेस ने 2017 में जारी किए गए अपने चुनावी मेनिफेस्टो में उद्योगों को राहत देने की बजाय उनकी और आफत बढ़ा दी है।