14 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचे पौंग बांध झील में
ब्यास नदी पर बनाए गए पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में सर्दी की शुरुआत होते ही प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। हर साल यह पक्षी साईबेरिया, तिब्बत तथा मध्य एशिया में बर्फबारी तथा ठंड बढ़ने से यहां हजारों किमी की उड़ान के बाद पहुंचते हैं।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : ब्यास नदी पर बनाए गए पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में सर्दी की शुरुआत होते ही प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। हर साल यह पक्षी साईबेरिया, तिब्बत तथा मध्य एशिया में बर्फबारी तथा ठंड बढ़ने से यहां हजारों किमी की उड़ान के बाद पहुंचते हैं। मार्च के मध्य तक प्रवास करते हैं तथा फिर वतन वापसी करते हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिकारी सेवा ¨सह के अनुसार अब तक 50 प्रजातियों के 14 हजार मेहमान प¨रदे यहां पधार चुके हैं। ये रंग बिरंगे पक्षी 301 वर्ग किमी इलाके में फैली विशाल झील की रौनक बढ़ा रहे हैं।
दिसंबर के आखिर तक इनकी संख्या डेढ़ लाख तक हो जाती है। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी इनकी संख्या भी बढ़ेगी। पौंग झील में इस समय आए इन पक्षियों में सर्वाधिक नार्थन पिनटेल 3300, कामन कूट्स 2050, लिटल कार्मोरेंट 1500, कामनटेल 1000, पोचार्ड 900, शैवलर 100, ब्लैक हैडिड गीज 150, स्पाट विल डक 160, कामन पोचार्ड 100, रूडी शैल्डेक 500, लिटिल इगरिट 200, लिटिल ग्रेप 100, रीवर किग 100 तथा अन्य प्रजातियों के पक्षी यहां डेरा जमा चुके हैं। हर साल इन प¨रदों की गणना जनवरी में की जात है। इन्हें तब कालर ¨रग तथा ट्रांसमीटर भी लगाए जाते हैं। इन प्रवासियों की सुरक्षा को यकीनी बनाए रखने के लिए 22 टीमों का गठन किया गया है। इनके शिकार पर कड़ी नजर रखी जाती है तथा कड़े दंड का प्रवाधान है।