मानसून सीजन में बीमारियों से बचाती है हेल्दी डाइट
चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी के बाद बरसात का मौसम चल रहा है। बारिश कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन जहां बारिश की फुहारें आनंदित करती हैं वहीं इससे पैदा हुई उमस और कई मौसमी बीमारियों से कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
सरोज बाला, दातारपुर
चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी के बाद बरसात का मौसम चल रहा है। बारिश कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन जहां बारिश की फुहारें आनंदित करती हैं वहीं इससे पैदा हुई उमस और कई मौसमी बीमारियों से कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बारे में दैनिक जागरण ने हाजीपुर अस्पताल के मेडिकल अफसर डा. हरमिदर सिंह, श्री सुदामा मेहता अस्पताल की डा. अमृतप्रीत कौर और डा. निधि शर्मा के साथ बात की। उन्होंने कहा कि बरसात में मलेरिया, डेंगू, चिकनगूनिया, डायरिया, हैजा, उल्टी, बुखार व अन्य संक्रामक रोग आसानी से होते हैं, क्योंकि मौसम बार-बार करवटें बदलता है। इनके फैलने का कारण बासी भोजन, बाहर का खाना सहित कई कारण होते हैं। डा. हरमिदर सिंह व डा. अमृतप्रीत कौर, और डा. निधि शर्मा ने कहा, सभी रोगों से बचाव के लिए पानी को हमेशा उबाल कर पीना चाहिए। फल व सब्जियां ताजी और साफ पानी में अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लानी चाहिए। डा. सिंह ने कहा, भोजन करने से पहले हाथों को साबुन से धोना चाहिए। हाथों के नाखून नियमित काटने चाहिए। मांस-मछली व अन्य भारी भोजन नहीं करना चाहिए और हलका खाना ही लेना चाहिए। मौसमी फल जैसे जामुन को नमक लगाकर खाना चाहिए। आम खाना चाहिए, नींबू का ज्यादा प्रयोग करना जरूरी है।
चाय में तुलसी के पत्तो का सेवन जरूर करें
डा. हरमिदर व डा. अमृतप्रीत कौर और डा. निधि शर्मा ने कहा कि चाय में तुलसी के पत्तो का सेवन जरूर करें। इससे रोगों से बचाव होगा। बरसात में दही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हरे पत्तों वाली सब्जी नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इन पर कई प्रकार के कीट होते हैं। परांठा, समोसा, खुले में बिकने वाले बर्गर, गन्ने का रस का भी नहीं सेवन करना चाहिए। घर का बना ताजा और ढका हुआ भोजन श्रेष्ठ है।
घरों के चारों ओर सफाई रखें
इस मौसम में मक्खी-मच्छर से बचाव जरूरी है, क्योंकि सभी रोग इन्हीं की देन होते हैं। इसलिए घरों के चारों तरफ सफाई रखें, ताकि यह पनप न सकें। इन्हें नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों का स्प्रे करें।
साफ-सुथरे और सूती वस्त्र पहनें
डाक्टरों ने कहा कि पूरी बाजू के कपड़े पहनें, रात को मच्छरदानी का इस्तेमाल करें या आलआउट लगाएं। खांसी, जुकाम, फ्लू होने पर खुद को अलग कर लें ताकि पूरे परिवार को रोग मुक्त रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस मौसम में चमड़ी के कई रोग भी होते हैं, इसलिए नहा कर साफ और सूती वस्त्र पहनें। कोई भी समस्या हो तो चिकित्सक से संपर्क करें।