प्रदर्शनकारी किसानों व दूध विक्रेता में हुई नोक-झोंक
होशियारपुर किसान आंदोलन के तहत तीसरे दिन रविवार को भी किसान सुबह से रा
संवाद सहयोगी, होशियारपुर
किसान आंदोलन के तहत तीसरे दिन रविवार को भी किसान सुबह से रास्ता रोक कर बाहरी इलाकों से होशियारपुर पहुंचने वाली सब्जियों, लक्कड़ और दूध की गाड़ियों को शहर में प्रवेश नहीं करने दे रहे थे। शहर के बाहर बाईपास के चारों तरफ किसानों द्वारा धरने लगाए थे। इसी बीच किसानों ने टांडा बाईपास पर लगाए गए धरने के दौरान रविवार एक दूध विक्रेता जो शहर में दूध बेचने जा रहा था, को धरने पर ही रोक लिया गया।
इस पर दूध विक्रेता ने बताया कि वह दूध बेचकर ही परिवार पालता है और दो दिन से उसका नुकसान हो रहा है। उसने कहा कि आज बड़ी जरूरत के साथ वह दूध देने के लिए आया है, उसकी मजबूरी है। आज उसे जाने दें, वह सोमवार से संघर्ष के चलने तक दूध नहीं लेकर आएगा। मगर, धरना देने वाले किसानों ने उसकी बात नहीं मानी और बातों-बातों में किसान संघर्ष कमेटी और दूध विक्रेता के बीच बहस हाथापाई तक पहुंच गई।
इसी बीच वहां से निकल रहे कुछ लोगों ने बीच में पड़ कर बहस कर रहे किसानों को शांत करवाया। उसी समय किसान संघर्ष कमेटी के किसी सदस्य ने दूध विक्रेता की गाड़ी के दो टायरों की हवा निकाल दी। यही नहीं कुछ किसान गाड़ी की चाबी लेकर भाग गए। इस बीच दूध विक्रेता कड़कती धूप में अपनी दूध की गाड़ी के पास मायूस खड़ा था। मगर, कोई भी उसकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। इसी बीच उसी जगह पर खड़े एक अन्य किसान ने बताया कि वह पिछले दो दिन से अपनी लकड़ी से भरी ट्राली साइड पर खड़ी करके निगरानी कर रहे हैं। किसान न तो उन्हें वापस ही देने जा रहे हैं और न ही मंडी की तरफ जाने देते हैं।