किसानों के लिए मिसाल बने रामगढ़ के एडवोकेट जगरूप
धान गेहूं के फसली चक्र से बाहर निकलकर गांव रामगढ़ मिसाल बना है। रामगढ़ कुलियां के किसान ने ढाई एकड़ में प्याज की बंपर फसल कर किसानों के लिए उदाहरण पेश की है।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : धान, गेहूं के फसली चक्र से बाहर निकलकर गांव रामगढ़ मिसाल बना है। रामगढ़ कुलियां के किसान ने ढाई एकड़ में प्याज की बंपर फसल कर किसानों के लिए उदाहरण पेश की है। किसान एडवोकेट जगरूप सिंह ने बताया कि पिता रविद्र सिंह मुशियाना करीब 40 साल से नौकरी के साथ साथ खेती भी करते आ रहे हैं। मुकेरियां में अधिकतर किसान गेहूं, धान व गन्ने की खेती करते हैं। समय समय पर वह इन फसलों को बेचने व पेमेंट के लिए कई तरह की समस्याओं से जूझते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा व कृषि विभाग के विशेषज्ञों के सुझाव पर प्याज की खेती करने का निर्णय लिया। अढ़ाई एकड़ में देसी रूडी डाल कर खेत की अच्छी तरह से जोताई कर फरवरी के पहले सप्ताह में प्याज की रोपाई कर दी। इसकी पनीरी कपूरथला के फार्म हाउस से लेकर आए व केवल जरूरी तत्वों के अलावा किसी प्रकार की हानिकारक कीटनाशक दवाई का प्रयोग नहीं किया। एक एकड़ में करीब 100 क्विंटल प्याज की फसल प्राप्त हुई व इसकी मंडीकरण में कोई समस्या नहीं आई। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक आसपास के लोग व स्थानीय व्यापारी अच्छे भाव में खरीद कर ले गए। चार माह में उन्हें दूसरी फसलों के मुकाबले अधिक मुनाफा हुआ।
ज्यादातर लोग सिर्फ जरूरत के लिए उगाते हैं प्याज
कृषि अधिकारी ब्लाक मुकेरियां एडीओ डा. कंवलदीप सिंह व एचडीओ लखबीर सिंह ने बताया कि वैसे तो काफी किसान केवल घर के लिए थोड़ी बहुत प्याज की खेती करते है, लेकिन शायद मुकेरियां में पहली बार किसी किसान ने अढ़ाई एकड़ में प्याज की फसल तैयार कर अच्छा मुनाफा प्राप्त किया है। एडवोकेट जगरूप सिंह प्याज की सफल खेती कर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बने हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह भी फसली चक्र से बाहर निकल अन्य फसलों की बिजाई करें।