जल्दबाजी और रेड लाइट जंप करने से बढ़े होशियारपुर में सड़क हादसे
सड़क हादसों के कारण हर दिन कोई न कोई अपनी जान से हाथ धो बैठता है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : सड़क हादसों के कारण हर दिन कोई न कोई अपनी जान से हाथ धो बैठता है। लगातार हो रहे हादसों से सीख लेने की जरूरत है क्योंकि हादसा तब होता है जब कहीं न कहीं नियम टूटता है। परंतु हैरानी वाली बात तो यह है कि लगातार हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए प्रशासन ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई। जो नीतियां आजतक बनी भी हैं वो केवल फाइलों तक ही सीमित हैं। यदि इन नीतियों को ईमानदारी से लागू किया जाता और लोग भी इन नीतियों का ईमानदारी से पालन करते तो हादसों का बढ़ रहा ग्राफ नीचे आ सकता है। दुख की बात है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हर कोई जल्दी में होता है और इस जल्दबाजी के चक्कर में हादसा होता है। हादसों की एक वजह वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना है। इसके साथ-साथ नशा कर वाहन चलाने से भी हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं रेड लाइट जंप करना भी हादसों में बढ़ोतरी कर रहा है।
घर से ही बच्चों को करें जागरूक
यातायात के नियम सड़क पर उतने ही जरूरी हैं जितना कि वाहन में तेल जरूरी है। बिना तेल के वाहन नहीं चल सकता और बिना यातायात के नियमों के सुरक्षित सफर नहीं किया जा सकता। इसलिए हरेक को चाहिए कि वह खुद भी यातायात के नियमों का पालन करे और बच्चों को इसके प्रति जागरूक करें। क्योंकि घर से बढि़या पाठशाला कोई नहीं होती। इन बातों का रखें खास ख्याल
वैसे तो यातायात नियमों के बिना सड़क पर चलने की कल्पना करना ही अपने आप से धोखा है परंतु फिर भी वाहन चलाते समय कुछ अहम बातों का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। यदि दो पहिया वाहन चलाना है तो हेलमेट जरूर लगाएं और वाहन की ब्रेक सही होनी चाहिए। इसके अलावा वाहन केवल उतनी ही गति में चलाएं जितनी गति में हम उसे कंट्रोल कर सकते हैं। बच्चों को वाहन न चलाने दें। वाहन पर ट्रिपलिंग न करें यह घातक साबित होती है। वहीं चार पहिया वाहन चलाने वाले सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें। ओवरटेक पूरी सावधानी से व सही दिशा से करें। कई बार वाहन को उल्टी तरफ से ही ओवरटेक किया जाता है जो कई बार घातक साबित होता है। गलत पार्किंग भी बनती है हादसे की वजह
यातायात नियमों में सबसे जरूरी वाहनों को खड़े करना यानी पार्क करने का तौर तरीका है। सड़क किनारे बेतरतीव वाहन पार्क कर दिए जाते हैं, जो अकसर हादसे का कारण बनते हैं। ऐसे हादसे अकसर होते हैं और इन हादसों का मुख्य कारण सड़कों के बीचों बीच ट्राली या फिर ट्रर्कों का पार्क होना होता है। खास तौर पर ऐसे हादसे रात के समय में होते हैं चूंकि पीछे से आ रहे वाहन चालक को पता ही नहीं होती कि आगे वाहन है और हादसा हो जाता है। अधिकतर वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर ही नहीं हैं वाहन के पीछे रिफ्लेक्टर न होने के कारण वाहन चालक को आगे खड़े वाहन का दूर से पता ही नहीं चलता और हादसा हो जाता है।
पुलिस तंत्र में भी खामियां
जहां हादसों के लिए वाहन चालकों की गलती सबसे अधिक होती है वहीं इसमें ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली भी सबसे अधिक जिम्मेदार है। हाईवे पर अकसर हादसे ओवर स्पीड के कारण होते हैं परंतु पुलिस के पास स्पीड चेक राडार ही नहीं है जिससे ओवर स्पीड वाहन को ट्रेक किया जा सके और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। पुलिस केवल चालन काटने तक ही सीमित है। इन हादसों को रोकना है तो पुलिस को सख्त रवैया अपनाना होगा। बनती कार्रवाई की जाती है : ट्रैफिक इंचार्ज
ट्रैफिक इंचार्ज इंस्पेक्टर नरिदर सिंह ने बताया कि पुलिस यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है। खामियों को धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है। जो कानून है उसी हिसाब से कार्रवाई की जाती है। लोग खुद ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक हों और साथियों को भी जागरूक करें। ऐसे टूट रहे हैं नियम
-- रेड लाइट जंप करना
-- नाबालिग चला रहे ई-रिक्शा
-- दोपहिया वाहन पर तीन सवारी
-- यात्री बस की छत एवं डाले पर लटक कर यात्रा
-- खूब धूम रहे जुगाड़ू वाहन
-- ओवरलोडेड वाहन
-- क्षतिग्रस्त वाहन का संचालन
-- तेज रफ्तार से वाहन का संचालन