को-आपरेटिव बैंक से 19 लाख की नकदी सहित बंदूक की 18 गोलियां चोरी
दोपहर के बाद शाम के वक्त बैंक में 19 लाख जमा हो गए और बैंक में टोटल 19 लाख 21 ह•ार 351 रुपए पड़े थे और शाम का वक्त होने और टांडा ब्रांच में जमा नहीं करवा सके। इतना गांवों के •ा्यादातर लोग एनआरआई हैं और बड़े स्तर और इस बैंक में लेने देने होता है। बैंक का सिक्योरिटी गार्ड भी सुबह 10 बजे से 5 बजे तक रहता है और रात को बैंक में कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं होता। मंगलवार की रात को कुछ अनजाने चोरों ने बैंक की खिड़की तोड़ कर अंदर वट वृक्ष कर कटर मशीन के साथ कैश सेफ को काटा और बैंक की सेफ में पड़े करीब 19 लाख 21 ह•ार 351 रुपए, सीसीटीवी कैमरों के डीवियार और बैंक के सिक्योरिटी गार्ड की बंदूक की 1
संवाद सहयोगी, टांडा उड़मुड़
हलका उड़मुड़ टांडा में बेट क्षेत्र के गांव नथूपुर में फोकल प्वाइंट में मंगलवार रात चोरों ने को-आपरेटिव बैंक की ब्रांच को निशाना बनाते हुए उसकी खिड़की तोड़कर व कटर की मदद से कैश सेफ काट कर बैंक से 19,21,351 रुपये चोरी किए। चोर जाते हुए सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर और सिक्योरिटी गार्ड की बंदूक की 18 गोलियां भी ले गए।
इस चोरी का पता बुधवार सुबह बैंक मैनेजर राकेश कुमार को उस समय लगा, जब बैंक खोला गया। इसके बाद उन्होंने टांडा पुलिस को इस चोरी की सूचना दी। इस पर एसपी (डी) होशियारपुर हरप्रीत ¨सह मंडेर, डीएसपी टांडा गुरप्रीत ¨सह गिल और एसएचओ टांडा प्रदीप ¨सह मौके पर पहुंचे और चोरी की वारदात की छानबीन की। वहीं, थाना टांडा ने इस बारे में चोरी का केस दर्ज करते हुए अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस संदर्भ में को-आपरेटिव बैंक के मैनेजर राकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को बैंक में दोपहर तक 20 लाख 40 हजार रुपये जमा हुए थे। जिसे को-आपरेटिव बैंक की टांडा ब्रांच में जमा करवा दिया था। मगर, दोपहर के बाद शाम के वक्त बैंक में 19 लाख जमा हो गए और बैंक में टोटल 19,21,351 रुपये थे। शाम का वक्त होने के कारण वे इसे टांडा ब्रांच में जमा नहीं करवा सके। बैंक में सिक्योरिटी गार्ड भी सुबह 10 बजे से 5 बजे तक रहता है और रात को बैंक में कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं होता है।
उन्होने बताया कि मंगलवार रात को चोर बैंक की खिड़की तोड़ कर अंदर घुसे और कटर मशीन के साथ कैश सेफ को काटा। चोर बैंक से 1921351 रुपये, सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर और बैंक के सिक्योरिटी गार्ड की बंदूक की 18 गोलियां चोरी करके ले गए हैं।
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बैंक इमारत की खस्ता हालत : बैंक मैनेजर
बैंक मैनेजर राकेश कुमार ने बताया कि वह यहां ढाई साल से बतौर मैनेजर हैं। यह बैंक 1997 से यहां पर है और बैंक की इमारत की हालत बहुत खस्ता है। इस बारे में वह कई बार को-आपरेटिव बैंक के उच्च आधिकारियों को लिखित रूप में बता चुके हैं। मगर, इस इमारत की खस्ताहालत में कोई सुधार नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि इस कोआपरेटिव बैंक ब्रांच की इमारत की हालत इतनी खस्ता है कि कोई मामूली औजार के साथ दीवार तोड़ ले। वहीं, रात के लिए किसी सिक्योरिटी गार्ड का भी प्रबंध नहीं है। अक्सर इस बैंक में रात को कम ही कैश पड़ा रहता है।
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इमारत की खस्ताहालत की कोई शिकायत नहीं मिली : जिला मैनेजर
उधर, बैंक इमारत की खस्ता हालत के बारे में जब मौके पर पहुंचे जिला मैनेजर गुरबख्श झलर के साथ बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं रात में सिक्योरिटी गार्ड के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि रात की सिक्योरिटी के लिए हमें कोई गार्ड नहीं दिया जाता है।