आम जनता को अवैध कब्जों व अतिक्रमणकारियों से कब मिलेगी मुक्ति
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर शहर की आम जनता जिला प्रशासन व राजनीतिक तंत्र से अवैध सड़कों
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर
शहर की आम जनता जिला प्रशासन व राजनीतिक तंत्र से अवैध सड़कों से अवैध कब्जे हटाने की मांग कर चुकी है, लेकिन अभी तक सरकारी तंत्र के सिर पर कोई जूं नहीं सरक रही। प्रशासन की लापरवाही से शहर की सड़को पर दिन-प्रतिदिन अवैध कब्जे हो रहे हैं। शहर की लाइब्रेरी बुरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है। कब्जाधारी प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए अपने घरों व दुकानों के बाहर पक्के फर्श डालकर अपना सामान रख लिया है। भले ही नगरपालिका गुरदासपुर में समय रहते मुनादी करवाकर आम लोगों पर अतिक्रमण हटाने की अपील भी की है, जबकि विभाग ने ऐसे कब्जाधारियों को चेतावनी देते हुए कानूनी कार्रवाई करने संबंधी भी कहा है, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा। अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर लोगों ने दी अपनी अपनी राय।
लोगों ने दुकानों के बाहर पक्के कब्जे किये- राकेश कुमार
शहर में ऐसे सैकड़ों दुकानदार हैं जिन्होंने अवैध ढंग से दुकानों के बाहर कब्जे किए हुए हैं। उक्त लोगों ने अपनी दुकानों के बाहर सीमेंट के पक्के थड़े बना लिए हैं। जिसे हटाने के लिए प्रशासन को अब जेसीबी का ही प्रयोग करना पड़ेगा। प्रशासन संबंधित विभाग को आदेश देकर जल्द से जल्द अवैध कब्जे हटवाएं।
अतिक्रमण से घट रहा रोड का एरिया: राजेश कालिया
जब दुकानदार अपनी दुकानों का सामान आगे लगाकर रोड को जाम करते है तो ऐसे मे कई प्रकार की परेशानियां भी निकल कर सामने आती है। अतिक्रमण के कारण सड़के भी छोटी हो जाती है।
आदेशों की पालन करवाने में प्रशासन फेल -ते¨जदर ¨सह
माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने व शहर में येलों लाइन बिछाने संबंधी आदेश दिए थे, जिसके चलते शहर की जेल रोड पर येलो लाइन भी डाली गई, लेकिन कुछ समय बाद यैलो लाइन पूरी तरह से सड़क से खत्म हो गई और प्रशासन ने बाद में इस संबंधी कोई भी ठोस कारवाई नही की नतीजा लोगों ने अतिक्रमण कर सरकार व प्रशासन को ठेंगा दिखा दिया।
दुकानदारों को लोगों की परेशानी समझनी चाहिए-रोहित सरना
नगर पालिका ने भले ही कई बार अतिक्रमण हटाने के लिए कड़ी कार्रवाई की हो, लेकिन अधिकारियों के जाने के बाद ही दुकानदार अपना सामान फिर से सड़कों पर लगा लेते हैं। जो गलत है ऐसे में दुकानदारों को भी अतिक्रमण को अपनी समस्या समझते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।