आमदनी अट्ठनी, खर्चा रुपया
गुरदासपुर कोरोना के डर से रोडवेज की बसों में अभी भी कम संख्या में ही यात्री सफर कर रहे हैं।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर: राज्य सरकार ने रोडवेज की बसों का जिले में 20 मई से परिचालन शुरू कर दिया है, लेकिन यात्री अभी भी कोरोना खौफ से बाहर नहीं निकल पाए हैं और बसों में इनकी संख्या कम ही है। ऐसे में रोडवेज की बसें चलाने का सरकार को घाटे का सौदा साबित हो रहा है। अभी तक जिला गुरदासपुर से रोडवेज की आठ बसें चल रही हैं। यह बसें बटाला समेत अमृतसर,पठानकोट और जालंधर जिलों के रूट पर दौड़ रही हैं। इन बसों में अभी तक केवल 40 से 50 यात्री ही सफर कर रहे हैं, जबकि करीब हर रूट पर पांच हजार डीजल का खर्च रोज आ रहा है। अभी तक चार दिनों में सिर्फ 15 हजार रुपये ही डिपो के खाते में आए हैं। पिछले चार दिन से गुरदासपुर से जालंधर, पठानकोट, बटाला और अमृतसर के लिए बसें चल रही हैं। कर्फ्यू समाप्ति के बाद सरकार ने शहरी क्षेत्रों में ही फिलहाल बसों का परिचालन शुरू किया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कस्बों में बसों का परिचालन शुरू नहीं किया है। दिनांक -- यात्रियों की संख्या
20 मई - 30
21 मई - 50
22 मई - 45
23 मई - 60
कुल: 185 यात्री
डीजल पर अब तक आया इतना खर्च तिथि -- रेवेन्यू
20 मई -- 2500
21 मई -- 4000
22 मई -- 3500
23 मई -- 5000
कुल - 15 हजार
अब तक डीजल पर खर्च : 1,60,000 हजार बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या न बढऩे का मुख्य कारण कोरोना महामारी ही है। लोग बसों में बैठकर जाने की बजाय अपने निजी वाहन पर जाना ही सही समझ रहे हैं। यही कारण है कि बसों में यात्रियों की संख्या बढऩे की बजाय कम हो रही है। बसें चलने से कमाई कम हो रही है और खर्च ज्यादा। जब तक सरकार का कोई नया आदेश नहीं आता, तब तक इस घाटे के सौदे को लगातार चलाना पड़ेगा। दर्शन सिंह गिल, जीएम, बटाला डिपो।