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सात वर्ष बाद भी नहीं भरे कमलजीत सिंह मठारू के जख्म

2015 में दीनानगर पुलिस थाने पर हुए आतंकी हमले के दौरान गोलियों का शिकार हुए कमलजीत सिंह मठारू सरकार द्वारा लगाई गई पेंशन से पिछले पांच महीने से वंचित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 09:39 AM (IST)
सात वर्ष बाद भी नहीं भरे कमलजीत सिंह मठारू के जख्म
सात वर्ष बाद भी नहीं भरे कमलजीत सिंह मठारू के जख्म

शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर

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2015 में दीनानगर पुलिस थाने पर हुए आतंकी हमले के दौरान गोलियों का शिकार हुए कमलजीत सिंह मठारू सरकार द्वारा लगाई गई पेंशन से पिछले पांच महीने से वंचित हैं। कमाई करने से असमर्थ हो चुके कमलजीत समय पर पेंशन नहीं मिलने से परेशान हैं, जिससे घर का गुजारा करना भी कठिन हो चुका है। इसके अतिरिक्त उसके किसी पारिवारिक सदस्य को नौकरी नहीं मिली है, जिसका वादा तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था।

गौरतलब है कि 27 जुलाई 2015 की सुबह शहर में दाखिल हुए तीन आतंकियों ने सबसे पहले कमलजीत को निशाना बनाते हुए उसे तीन गोलियां मारी और कार छीनकर थाने की ओर चले गए थे। उस समय दशहतगर्द उसे मरा हुआ समझ कर छोड़ गए थे।

कमलजीत सिंह मठारू ने बताया कि इस हमले में गोलियां लगने से उनकी दोनों बाजू बेकार हो चुकी हैं। बाई बाजू इलाज के दौरान काटी जा चुकी है जबकि दाहिना हाथ 85 प्रतिशत बेकार हो चुका है। इस कारण वे कोई भी काम नहीं कर सकते और ढाबे का कारोबार भी पूरी तरह से ठप हो चुका है। परिवार में पत्नी के अलावा 26 वर्षीय मंदबुद्धि बेटा है, जबकि बेटी की शादी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उसे पंजाब सरकार द्वारा अन्य घायलों की तरह तीन लाख रुपये तो मिले थे, लेकिन अमृतसर के अस्पतालों में लंबे इलाज के दौरान सभी पैसे खर्च हो गए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों हाथ बेकार होने के बाद उन्होंने कई नेताओं और अलग-अलग समय पर तैनात रहे डिप्टी कमिश्नरों को उसकी पढ़ी लिखी बेटी को नौकरी दिए जाने की मांग की थी, लेकिन किसी ने भी उनकी कोई फरियाद नहीं सुनी थी।

उन्होंने कहा कि बाद में सरकार ने उन्हें पांच हजार रुपये प्रति महीना पेंशन लगाई थी, लेकिन वह भी कभी समय पर नहीं मिलती रही। उन्होंने बताया कि पिछले पांच महीने से उन्हें कोई भी पेंशन नहीं मिली है। इससे वह परिवार का गुजारा करना कठिन हो चुका है। उन्होंने कहा कि समय पर पेंशन मिलने के बारे में जिला प्रशासन को कई बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि उसकी हालत को देखते हुए पेंडिग पड़ी पेंशन जल्द से जल्द दी जाए और पेंशन हर महीने दिए जाने को यकीनी बनाया जाए। इसके अलावा वे मांग करते हैं कि बढ़ती जा रही महंगाई को देखते हुए उसकी पेंशन में वृद्धि की जाए। पिछली सरकारों के वायदे नहीं हुए वफा

कमलजीत सिंह मठारू ने बताया कि अमृतसर में इलाज के दौरान घायलों का हालचाल जानने आए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उनकी शारीरिक और घरेलू हालत को देखते हुए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी। बाद में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को भी स्थिति से अवगत करवाते हुए बीटेक पास बेटी सोनी मठारू को नौकरी दिए जाने की मांग की थी। परन्तु दोनों बादलों की तरफ से वायदा करने के बाबजूद नौकरी नहीं दी गई। उसके वाद पिछली कांग्रेस सरकार के समय में भी बहुत वार इस सबंध में स्थानीय मंत्रियों सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को समय-समय पर अवगत करवाया। लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से बड़ी उम्मीद

कमलजीत सिंह मठारू ने बताया कि पहले की सरकारों ने उनके परिवार की हालत के बारे में कुछ नहीं सोचा है। लेकिन उन्हें अब सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार से बहुत उम्मीदें हैं कि उसकी आर्थिक स्थिति को देखकर सरकार उसकी जरूर मदद करेगी। जल्द जारी की जाएगी पेंशन : डीसी

मामले संबंधी डीसी मोहम्मद इशफाक से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। जल्द ही संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर पीड़ित की पेंशन जारी करवाई जाएगी।


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