विकास कार्यो को तरस रहा गांव बरनाला
क्षेत्र का गांव बरनाला विकास कार्यों को तरस रहा है। गांव में पिछले कई सालों से विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगी। गांव की सड़कें पूरी तरह से टूटी पड़ी हैं और इसमें गड्ढे पड़े हुए हैं।
र¨जदर कुमार पंडोत्रा, गुरदासपुर : क्षेत्र का गांव बरनाला विकास कार्यों को तरस रहा है। गांव में पिछले कई सालों से विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगी। गांव की सड़कें पूरी तरह से टूटी पड़ी हैं और इसमें गड्ढे पड़े हुए हैं। यह हादसों का कारण बन रहे हैं। वही गांव में सीवरेज की पाइपें नहीं डाली गई। इसके इलावा घरों के पानी की निकासी का भी कोई खास प्रबंध नहीं है। गांव का कच्चा नाला जिसमें घरों के पानी की निकासी होती है वह भी बीच में से टूटा हुआ है। इस कारण पानी गलियों में तो एकत्रित रहता ही है। इसके अलावा गांव का प्राइमरी स्कूल जिसमें गांव के बच्चे पढ़ने हेतु जाते हैं, वहां भी स्कूल के मेन गेट के समक्ष पानी 24 घंटे खड़ा ही रहता है। इस वजह से बच्चे बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं।
गांव वासियों राकेश कुमार, अमन कुमार, निक्का व अन्यों का कहना है कि विभिन्न पार्टियों के नेता चुनाव के समय उनसे वादा कर जाते है कि वह जीतने के बाद इस गांव का पूरी तरह से विकास करवाएंगे ,मगर चुनाव जीतने के बाद सब बातें भूल जाते हैं। गांव का पिछले कई सालों से कोई विकास नहीं हुआ । गांव की हालत इतनी खस्ता हो। गांव के विकास संबंधी कई बार राजनेताओं से मिल चुके हैं मगर हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया जाता है।
हलका गुरदासपुर का गांव बरनाला तीन हजार के करीब आबादी वाला गांव है। इसमें 1200 के करीब वोटर है,लेकिन इसके बावजूद गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव वासियों का कहना है कि कोई भी सरकार आ जाए मगर उनके गांव की हालत को सुधारने वाला कोई भी नेता नहीं आता।
गांव वासियों ने बताया कि गांव में कुछ ऐसे गरीब लोग भी हैं , जिनके घरों की छतें कच्ची हैं तथा वह भी बहुत खस्ताहाल में है । बारिश के दिनों में कच्ची छतों से पानी बहता है। इसके अलावा छत गिरने का डर भी सताता रहता है । कई बार राजनेताओं से उनके घरों की छतें पक्की कराने की मांग की गई है। मगर कोई भी राजनेता उनकी समस्याओं की ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझता।
30 सालों से नहीं हुई छप्पड़ की सफाई
गांव वासियों ने बताया कि गांव का छप्पड़ जिसमें पूरे गांव के पानी की निकासी होती हैं , की पिछले करीब 30 सालों से सफाई नहीं करवाई गई। इस वजह से छप्पड़ मे उगी बूटी के कारण पानी की निकासी रुक गई है। कई बार छप्पड़ की सफाई करवाने की मांग कर चुके हैं। मगर इसकी सफाई नहीं करवाई जा रही।
प्राइमरी स्कूल की दीवार टूटी
गांव बरनाला में स्थित प्राइमरी स्कूल के पीछे वाली दीवार टूटी हुई है। स्कूल में छुट्टी होने के बाद अधिकतर नशे का सेवन करने वाले नशेड़ी युवक दीवार टूटी होने के कारण स्कूल परिसर मे घुसकर नशे का सेवन करते हैं। इसके अलावा पशुओं को स्कूल में बांध दिया जाता है। स्कूल की इस दीवार को बनाने की गांव वासियों द्वारा कई बार मांग की जा चुकी है ,मगर उनकी मांग को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया। इसके इलावा स्कूल के पीछे वाली साइड में उगी भांग को भी कटवाने की मांग की जा चुकी है।
गांव में बनी धर्मशाला की इमारत की हालत भी खस्ता
कई साल पहले गरीब परिवारों के विवाह व अन्य समारोह के लिए सरकार की तरफ से गांव बरनाला में एक धर्मशाला बनाई गई थी। इसकी देखभाल न होने के कारण अब इसके आसपास गंदगी का आलम है। इसके अलावा धर्मशाला की दीवार व गेट भी टूटा हुआ है और हर तरफ घास उगी हुई है। इस कारण गांव के गरीब लोग इसका अब इस्तेमाल नहीं करते।
विकास करवाने के लिए मिले थे हलका विधायक को : गांववासी
गांव वासियों ने बताया कि गांव के विकास संबंधी वह हलका विधायक को मिले थे। उन्होंने विधायक को गांव की प्रत्येक मुश्किल से अवगत करवाया था। जिसके बाद विधायक ने उनकी प्रत्येक मुश्किल का हल करने का आश्वासन दिया है। बिना भेदभाव करवाए जा रहे विकास कार्य : विधायक
इस संबंधी हलका विधायक ब¨रदरमीत ¨सह पाहड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हलके में बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। सरकार की विभिन्न प्रकार की स्कीमों को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जा रहा है। आगामी दिनों में हलके के प्रत्येक गांव की नुहार बदली जाएगी।