जंगी शहीदों का गांव सुविधाओं से वंचित
हलका कादियां के गांव भैणी बांगर के वासी देश के आजाद होने के 70 साल के बाद भी गांव में गंदे पानी की निकासी व पीने वाले साफ पानी को तरस रहे हैं। गांव वासियों ने समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया, मगर प्रशासन की नजर अभी तक उनके गांव पर नहीं पड़ी। जानकारी देते हुए कश्मीर ¨सह संधू व गांव वासियों ने बताया कि उनके गांव में आजादी लहर के मौके व देश की सीमा की रक्षा करते बहुत सारे सपूतों ने शहीदी प्राप्त की है। मगर आजादी के 7 दशकों के बाद भी उनके गांव की हालत तरसयोग्य बनी हुई है। गांव वासियों को साफ पानी की सप्लाई के लिए बनी वाटर सप्लाई की टंकी पिछले कई सालों से बंद है। इसके अलावा गांव के गंदे पानी की निकासी के लिए बनाया सीवरेज सिस्टम भी बुरी तरह से खराब हो चुका है।
संवाद सूत्र, काहनूवान : हलका कादियां के गांव भैणी बांगर के वासी देश के आजाद होने के 70 साल के बाद भी गांव में गंदे पानी की निकासी व पीने वाले साफ पानी को तरस रहे हैं। गांव वासियों ने समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया, मगर प्रशासन की नजर अभी तक उनके गांव पर नहीं पड़ी। जानकारी देते हुए कश्मीर ¨सह संधू व गांव वासियों ने बताया कि उनके गांव में आजादी लहर के मौके व देश की सीमा की रक्षा करते बहुत सारे सपूतों ने शहीदी प्राप्त की है। मगर आजादी के 7 दशकों के बाद भी उनके गांव की हालत तरसयोग्य बनी हुई है। गांव वासियों को साफ पानी की सप्लाई के लिए बनी वाटर सप्लाई की टंकी पिछले कई सालों से बंद है। इसके अलावा गांव के गंदे पानी की निकासी के लिए बनाया सीवरेज सिस्टम भी बुरी तरह से खराब हो चुका है। गांव में बना पंचायत घर की हालत भी खस्ता है। गांव के कुछ लोगों ने पंचायती व सांझी जगहों पर अवैध कब्जे किए हुए हैं। गांव के मुख्य रास्ते पर बने शहीद के गेट के अलावा गांव में शहीदों के लिए कोई यादगार या लाइब्रेरी नहीं बनाई गई। इन मुश्किलों संबंधी गणमान्य, हलके के चुने नुमाइंदों, ग्रामीण विकास व पंचायत अफसर तथा डीसी को लिखित पत्र दे चुके हैं। मगर उनकी मुश्किलों का हल नहीं किया जा रहा है।