सात हजार की बाइक, चालान कटा तो 25 हजार लगा जुर्माना
वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन बड़ी आसानी से कर देते हैं वहीं जब ट्रैफिक पुलिस इनका चालान काट देती है तो भारी-भरकम जुर्माना सुनकर परेशान हो जाते हैं।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर
वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन बड़ी आसानी से कर देते हैं, वहीं जब ट्रैफिक पुलिस इनका चालान काट देती है तो भारी-भरकम जुर्माना सुनकर परेशान हो जाते हैं। ऐसा ही एक किस्सा यहां के रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस में बुधवार को देखने को मिला। यहां पर 2007 माडल की पुरानी बाइक का चालान भुगतान के लिए आए मालिक ने जब जुर्माना 25 हजार रुपये देखा तो उसके पसीने छूट गए। उसका कहना था कि उसकी बाइक की कीमत ही अभी बाजार में सात हजार रुपये है।
रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस में चालान का भुगतान करने आए शहर के जितेंद्र कुमार का कहना है कि वह अपने भाई को छोड़ने के लिए बस स्टैंड पर जा रहा था। जैसे ही वह पुरानी सब्जी मंडी चौक पर पहुंचा तो उसका ट्रैफिक पुलिस ने चालान काट दिया। पुरानी बाइक होने की वजह से उसने दस्तावेज बाइक में नहीं रखे थे। चालान कटने के बाद जैसे ही इसका भुगतान करने के लिए व कार्यालय में गया तो उसके होश उड़ गए। अब महिला कर्मचारी के मुताबिक उसे ट्रांसपोर्ट अधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद जो दस्तावेज उसके पास मौजूद होंगे उसका जुर्माना कम कर दिया जाएगा। दस्तावेज सही नहीं होने की सूरत पर जितेंद्र को 25 हजार रुपये जुर्माना ही देना पड़ेगा।
बता दें कि विभिन्न तरह के चालान कटने पर इस समय भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाता है। ड्राइविग लाइसेंस नहीं होने पर पांच हजार रुपये, प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने पर पांच हजार रुपये, बीमा पालिसी का चालान काटने पर दो हजार रुपये, रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर दस हजार रुपये जुर्माना वसूल किया जाता है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगातार ट्रैफिक चालान काटे जा रहे हैं, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। उधर ट्रैफिक इंचार्ज अजय शर्मा का कहना है कि बिना दस्तावेज के कोई भी वाहन सड़क पर दिखाई दिया तो उसका चालान काटा जाएगा। उधर, जितेंद्र का कहना है कि वह बाइक का इतना भारी भरकम जुर्माना अदा करने में असमर्थ है। वह अदालत का रुख अपनाएगा और अदालत से अपने ट्रैफिक चालान का भुगतान करेगा। गौर हो कि पुलिस ने जितेंद्र पर बिना लाइसेंस, बिना प्रदूषण, बिना बीमा पालिसी, मोबाइल फोन का प्रयोग व अन्य कई जुर्माना लगाया। इसका सरकारी जुर्माना करीब 25 हजार रुपये बनता था।