दादी के साथ शौच के लिए गई आठ वर्षीय बच्ची को अवारा कुत्तों ने नोचा
दादी के साथ सुबह खेतों में शौच करने गई आठ वर्षीय बची को अवारा कुत्तों के झुंड ने नोच डाला।
रजिदर कुमार, गुरदासपुर : दादी के साथ सुबह खेतों में शौच करने गई आठ वर्षीय बच्ची को अवारा कुत्तों के झुंड ने नोच डाला। बच्ची के सिर, बाजू, गर्दन और आंख पर जख्म है। गंभीर अव्यवस्था में स्वजनों ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।
गांव डडवां निवासी पवन कुमार ने बताया कि उसकी आठ वर्षीय बेटी राधिका धारीवाल में एक प्राइवेट स्कूल की तीसरी कक्षा की छात्रा है। शौच के दौरान अवारा कुत्तों के झुंड ने बच्ची पर हमला कर दिया।
पेपर देने नहीं जा सकी राधिका
पवन कुमार ने बताया कि उसकी बच्ची राधिका का शनिवार को गणित का पेपर था। वह पिछले दो-तीन दिन से रोजाना पेपर की तैयारी कर रही थी। शनिवार को अपनी मां को खाना तैयार करने के लिए बोली थी। उसकी बच्ची अपना पेपर नहीं दे सकी।
शौचालय बनाकर दिया होता तो आज नहीं देखना पड़ता यह दिन
पवन कुमार, रमेश कुमार, रेनू बाला, प्रवीन ने बताया कि सरकार की ओर से गरीब व जरूरतमंद लोगों को शौैचालय अलाट किए गए हैं। उनके गांव की पंचायत उनको शौचालय नहीं बनाकर दे रही। अगर उन्हें शौचालय बनाकर दिया होता तो आज उनकी बच्ची की यह हालत न होती। अवारा खूंखार कुत्तों ने उनकी बच्ची को बेरहमी से नोचा है। उन्होंने गांव की पंचायत के खिलाफ रोष भी व्यक्त किया।
हड्डा रोड़ा हटाने की मांग
गांव डडवां निवासी पवन कुमार,रमेश कुमार,रेनू बाला,प्रवीन ने बताया कि गांव डडवां और कल्याणपुर के बीच हड्डा रोड़ा है। दोनों गांवों के लोग हड्डा रोड़ा में घूमते अवारा कुत्तों के कारण दहशत में रहते हैं। कई बार अवारा कुत्ते राहगीरों पर अटैक कर देते हैं। उन्होंने मांग की कि गांव से हड्डा रोड़ा हटाया जाए।
अवारा कुत्तों की दहशत बरकरार
नगर कौसिल द्वारा अवारा कुत्तों की नसबंदी न किए जाने के कारण कुत्तों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर अवारा खूंखार कुत्तों का झुंड घूमता देखा जाता है। जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
= इसी वर्ष जनवरी महीने फतेहगढ़ चूड़ियां में एक बुजुर्ग महिला रानी को अवारा कुत्तों ने नोच नोच कर मार डाला था।
= इसके अलावा गांव गजनीपुर, काहनूवान, भोपर सैंदां में भी इसी वर्ष सुबह सैर कर रही महिलाओं को कुत्तों ने नोच -नोच कर मार दिया था।
= इसी वर्ष अगस्त महीने गांव भंगवां में एक वर्ष की बच्ची को घर में खेलते समय पालतू कुत्ते ने ही बेरहमी से नोच डाला था।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सिविल अस्पताल के मेडिकल स्पेशलिस्ट डा. मनजिदर बब्बर ने कुत्तों के काटने पर कैसे इलाज और सावधानियां बरती जाती हैं। संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
ऐसे करें इलाज
--कुत्ते के काटते ही तुरंत छह से आठ घंटे या अधिक से अधिक 24 घंटों में एंटी बॉयोटिक का टीका लगवाएं।
- 3, 5 या 7 इंजेक्शन लगवाएं।
-यदि कुत्ता काटने के दस दिन के बाद तक भी स्वस्थ है तो सावधानी के लिए तीन इंजेक्शन ही पर्याप्त हैं।
- यदि कुत्ता असामान्य व्यवहार करता है जैसे कई अन्य लोगों को काटता है । बिना छेड़छाड़ के काटता है। इधर-उधर भागता है। क्रोधित होकर घूरता है और लगातार लार पड़ती है या किसी कोने में निढाल पड़े रहता है। पानी नहीं पीता या दस दिन में मर जाता है तो यह समझना चाहिए कि कुत्ता रेबिड है। ऐसी स्थिति में इंजेक्शन का पूरा कोर्स लेना चाहिए।
-निश्चित रूप से रेबिड कुत्ते ने काटा हो तो एंटीबॉडिज की अतिरिक्त चिकित्सा लेनी चाहिए। इससे रोग का निवारण होने में सहायता मिलती है।
सावधानियां--
-जितना हो सके घाव को बहते गुनगुने पानी से धोना चाहिए ।
-घाव को कभी ढकें नहीं। इसकी पट्टी न करें और टांकें न लागवाएं।
-नजदीकी दवाखाने में या सरकारी अस्पताल में जाएं जहां एआरवी उपलब्ध होती हैं।
- कुत्ता या पशु का निरीक्षण दस दिन तक करें।
- यदि कुत्ता पालतू है तो जानें कि उसे टीका दिलाया गया अथवा नहीं और जानें की उसे घुमाने ले जाया जाता है या नहीं।