होटलों व फैक्ट्रियों में हो रहा घरेलू गैस का उपयोग
सरकार द्वारा एक तरफ घरेलू गैस सिलेंडर की कमर्शियल जगह पर प्रयोग करने पर जहा कड़ी पाबंदी है। लेकिन दीनानगर में फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से घेरलू गैस सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर
सरकार द्वारा एक तरफ घरेलू गैस सिलेंडर की कमर्शियल जगह पर प्रयोग करने पर जहा कड़ी पाबंदी है। लेकिन दीनानगर में फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से घेरलू गैस सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। शहर की फैक्ट्रियों से लेकर चाय की रेहड़ी, ढावा, होटल तक सभी जगह घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल हो रहा है। फिर भी प्रशासन आंख मूंद कर अंजान बना हुआ है। घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल करने वालों पर पिछले एक साल से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही। घरेलू गैस को बेचने का अवैध धंधा सरेआम व निडरता से किया जा रहा है, फिर भी अधिकारियों के पास इनके खिलाफ कार्रवाई करने का टाइम नहीं है।
दोनों सिलेंडरों में जमीन आसमान का रेट
घरेलू गैस की काला बाजारी की बड़ी वजह दोनों सिलेंडरों के रेट में जमीन आसमान का अंतर है। घरेलू सिलेंडर इस वक्त 752 रुपये का है। सिलेंडर में गैस 14 किलो ही होती है। 752 रुपये भुगतान के बाद 242 रुपये के करीब सब्सिडी बैंक खाते में आ जाती है। जबकि 19 किलो गैस वाला कर्मिशयल सिलेंडर 1398 रुपये का है। इसके अलावा प्रत्येक सिलेंडर की 1700 रुपये रिफंडेबल सिक्योरिटी राशि जमा करानी होगी। दो सिलेंडर चाहिए तो 3400 रुपये जमा कराने होंगे।
गैस से काटी जा रही लोहे की शीट
मेटल व हार्ड वर्क्स फैक्ट्रियों में घरेलू गैस का प्रयोग लोहे की मोटी शीट को काटने में हो रहा है। लोहे की शीट को मशीनरी से काटना असंभव है। इसलिए फैक्ट्री संचालक गैस एजेंसियों से घरेलू गैस सिलेंडर लेकर आते हैं और फिर इनकी मदद से शीट को मनचाहे आकार में काट दी जाती है। शायद ही जिला की कोई ऐसी फैक्ट्री होगी जिसमें घरेलू सिलेंडर न रखे हों। साथ ही गैस वेल्डिग भी इसी गैस से की जा रही है।
विभाग की लापरवाही से गरीबों के हको में डाका
जिला प्रशासन व खाद्य विभाग की सुस्ती का लाभ उठाते हुए हलका दीनानगर में घरेलू गैस सिलेंडरो का सरेआम प्रयोग हो रहा है। घेरलू गैस सिलेंडरों के हो रहे कमर्शियल प्रयोग से आम लोगों के हकों पर डाका डाला जा रहा है। जिन सिलेंडरो का प्रयोग लोग कमर्शियल रूप से कर रहे हैं, वह किसी न किसी गरीब के हक से ही जा रहा है। इससे सरकार को हर महीने करोड़ों का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों को सरकार को हो रहे नुकसान से कोई फर्क नहीं पड़ता।
छह माह से विभाग ने नहीं चलाया चेकिंग अभियान
विभागीय जानकारी के अनुसार छह माह से भी ज्यादा समय में एक बार भी दीनानगर स्थित किसी दुकान, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, रेहड़ी, फैक्ट्री आदि को विभाग के अधिकारियो द्वारा चेकिग करने की जहमत नहीं उठाई। जिस कारण ही घरेलू सिलेंडरों को धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग से आम लोगों के हकों पर डाका डाला जा रहा है। जिन घरेलू सिलेंडरों का प्रयोग लोग व्यावसायिक तौर पर कर रहे हैं वह किसी न किसी गरीब के ह से ही जा रहा है।
अभियान चलाकर चेकिग की जाएगी : रीतू
एएसएफओ रीतू ने वही रटा-रटाया जबाब दिया कि यह मामला मेरे ध्यान में नहीं था। उन्होंने बताया कि घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल गैर कानूनी है। यदि किसी जगह पर ऐसा हो रहा है तो उसकी जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।