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दो दिन लगातार चली बारिश से फसल जमीन में बिछी, जिले में 13 एमएल हुई बारिश

दो दिन से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने एक बार फिर से ठंड बढ़ा दिया है। यह बारिश गेहूं की फसल के लिए तबाही बनकर सामने आई है। जिलेभर में गेहूं की फसल पर पहले से ही पीली कुंगी का हमला हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 01:50 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 06:13 AM (IST)
दो दिन लगातार चली बारिश से फसल जमीन में बिछी, जिले में 13 एमएल हुई बारिश
दो दिन लगातार चली बारिश से फसल जमीन में बिछी, जिले में 13 एमएल हुई बारिश

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : दो दिन से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने एक बार फिर से ठंड बढ़ा दिया है। यह बारिश गेहूं की फसल के लिए तबाही बनकर सामने आई है। जिलेभर में गेहूं की फसल पर पहले से ही पीली कुंगी का हमला हुआ है। अब बारिश और आंधी के कारण फसलें जमीन पर ही बिछ गई हैं। उधर लगातार हो रही बारिश के कारण सुबह स्कूली बच्चों को भी स्कूल जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। जबकि शहर के निचले क्षेत्रों में बारिश का पानी जमा हो गया। बारिश के कारण बाजार में भी मंदी का दौर रहा। लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। जिले में 13 एमएल बारिश हुई हैं।

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बारिश के कारण गेहूं की फसल काफी प्रभावित हुई है। बारिश के बाद जागरण टीम ने जिले के गेहूं प्रभावित क्षेत्रों का द्वारा किया गया तो देखा गया लगभग 50 एकड़ से अधिक गेहूं की फसल जहां पीली कुंगी से प्रभावित थी। वहीं अब बारिश व तेज आंधी के कारण जमीन पर बिछी हुई थी। इस कारण किसानों के चेहरों पर भी मायूसी छाई हुई।

बारिश और तेज हवाओं से बढ़ सकता है असर--

कृषि विभाग के अनुसार फिलहाल जिला भर में 50 एकड़ तक गेहूं की फसल पर पीली कुंगी का असर हुआ है । यदि बारिश व तेज हवाएं लगातार जारी रहती है तो इसका असर और भी बढ़ सकता है। फसल के खराब होने के आसार बने हुए हैं। बता दें कि पिछले साल भी गेहूं की फसल खराब हो गई थी। इस बार भी किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींची हुई हैं।

कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह ने बताया कि फसल पर पीली कुंगी के लक्षण दिखाई पड़े तो दवाई का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के लिए प्रापिकोनोजोल 25 ईसी या टैबूकोनेजोल 25 ईसी या ट्राईडिमिफोन 25 डब्ल्यू पी का 0.1 प्रतिशत घोल बनाया जा सकता है। एक एकड़ खेत के लिए 200 मिलीलीटर दवा 200 लीटर पानी का छिड़काव काफी है। उन्होंने बताया कि बारिश गेहूं की फसल के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।


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