मानव का जीवन प्रभू को जानने के लिए : महात्मा
संवाद सहयोगी, दीनानगर : गांव जंगल में निरंकारी श्रद्धालुओं की ओर से निरंकारी संत समागम का आयोजन दीना
संवाद सहयोगी, दीनानगर : गांव जंगल में निरंकारी श्रद्धालुओं की ओर से निरंकारी संत समागम का आयोजन दीनानगर के मुखी महात्मा अमरजीत ¨सह की अध्यक्षता में करवाया गया। इसमें गांव के समूह श्रद्धालुओं ने सहयोग दिया। समागम के दौरान मुख्य रूप से पहुंचे जोनल इंचार्ज सुखदेव ¨सह का भव्य स्वागत स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा किया गया समागम का कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संपन्न हुआ। महात्मा सुखदेव जी के प्रवचनों से पूर्व स्थानीय संत, महात्माओं की ओर से विभिन्न रचनाओं, संगीत, विचारों, कविताओं के माध्यम से सदगुरु का अशीवार्द प्राप्त किया।
महात्मा सुखदेव जी ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ण सदगुरु का संदेश न केवल अपने प्रिय भक्तों के लिए होता है, अपितु उसका संदेश तो पूरी इंसानियत जाति के लिए होता है। उन्होंने कहा कि जो समय के पूर्ण सदगुरु के पास जाकर उसे नम्रता भाव से ब्रह्मज्ञान की मांग करता है तो वह एक ही छिन में प्रभू के दीदार करवा देता है। महात्मा जी ने बताया कि आज का इंसान माया में इतना लिप्त है कि वह सांसारिक गतिविधियों से निकलना नही चाहता, दूसरा उसके पास इतना समय ही नही है, कि वह कुछ समय प्रभू के नाम के लिए निकाल सके। यह नही, कि इंसान के पास समय नही है, समय तो है परंतु वह मनमत के अनुसार चलकर इस ओर लगाना नही चाहता। उन्होंने कहा कि जब सत्संग जाने या सिमरन करने के लिए इंसान को कहा जाता है तो इंसान बहाने बनाने लगता है परंतु जब कोई सरकर, मनोरंजन के साधन, तमाशा देखना हो तो वह शीघ्र तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि इंसान इस अमोलक देह को पाकर भी इस मानस रूप की कदर नही कर पाता। इसके चलते उसे चौरासी लाख योनियों में भ्रमण में फंसा रहता है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने इंसान को जीवन का लाभ लेने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि यह जीवन प्रभू को जानने के लिए मिला है। इस मौके पर चोंता के मुखी डॉ. सुभाष, विजय कुमार, सहायक शिक्षक अजय ¨सह, सह शिक्षक राकेश ¨सह, शिक्षिका सरिता , भगवान दास, सुख¨वदर शेरा, विकी व हीरा ¨सह आदि सहित भारी संख्या में निकटवर्ती गांव से आए श्रद्धालु उपस्थित थे।