बटाला के माल की अभी भी विदेश में मांग, इंडस्ट्री नई तकनीक अपनाएं
द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन (नॉर्दर्न रिजन) की विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार सुबह बटाला पहुंची।
जागरण संवाददाता, बटाला : द इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन (नॉर्दर्न रिजन) की विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार सुबह बटाला पहुंची। टीम का नेतृत्व ईईपीसी, इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने किया। उनके साथ सचिव नॉर्दर्न रिजन के आरआर जोशी थे। डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बटाला की इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा मौका है।
वर्तमान में भी बटाला के माल की विदेश में पूरी मांग है। इसके लिए उनके विभाग द्वारा जिस तरह की मदद चाहिए उसे हरसंभव तरीके से दी जाएगी। विशेषज्ञों की टीम ने बटाला उद्योगपतियों को विदेश में अपना माल निर्यात करने के लिए कई प्रकार के गुर बताए। बटाला की इंडस्ट्री के पिछड़ने का कारण अतीत में अलगाववाद और बाद में सरकार की कुछ गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि बटाला की इंडस्ट्री को दोबारा पुनर्जीवित करने की। इसके लिए उनका विभाग इंडस्ट्री की हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री को पुरानी तकनीक छोड़कर नई तकनीक अपनाने की जरूरत है। अगर ऐसा हो जाता है तो किसी को विदेश या फिर दूसरे राज्य में इंडस्ट्री को पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब बटाला में बाहरी ग्राहक सामान खरीदने के लिए आएगा। इसके लिए उनका विभाग नीतियों में सुधार करने जा रहा है। उसका फायदा स्थानीय बटाला इंडस्ट्री को होगा। इस मौके पर विनिश अग्रवाल, वीएम गोयल, बुदीश अग्रवाल, रविद्र हांडा, रजत सरीन आदि उपस्थित थे। इन मागों को रखा गया
लघु उद्योग इंडस्ट्री यूनियन ने कार्यक्रम के दौरान मंत्री बाजवा के समक्ष अपनी मांगें रखी। उन्होंने कहा कि आरबीइ द्वारा औद्योगिक घरानों के लिए पॉलिसी बनाइ गई है। उस पर तुरंत काम शुरू होना चाहिए। मालभाड़ा कम किया जाना चाहिए। जीएसटी पांच फीसद कर देनी चाहिए। बटाला सीमावर्ती एरिया होने के कारण सरकारी सुविधाएं मिलें। विभाग की दखलअंदाजी कम होनी चाहिए। बैंकिग लोन रेट कम किया जाएं। पंजाब सरकार की तरफ से इंडस्ट्री जोन को विशेष पैकेज मिलें। उद्योगपतियों की सारी बातें सुनने के बाद मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा ने भरोसा दिया कि उनकी हर मांग पहल के आधार पर हल करने के बारे सरकार विचार करेगी। सरकार को थोड़ा समय दिया जाए।