जल्द पूूरी होगी आस व सपना होगा साकार, करतारपुर कॉरिडोर के लिए सर्वे का काम शुरू
करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। सर्वे का कार्य पूरा हो जाने के बाद भूमि अधिग्रहण होगा । इसके बाद कॉरिडोर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
गुरदासपुर, [सुनील थानेवालिया]। भारत खासकर पंजाब के श्रद्धालुओं की आस जल्द ही पूरी होगी और उनका वर्षों पुराना सपना साकार होगा। सिख श्रद्धालु बहुत जल्द श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा दर्शन करने जा सकेेंगे। पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए कॉरिडोर निर्माण को नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने सर्वे शुरू कर दिया है। 3.6 किलोमीटर लंबे इस रास्ते के लिए सर्वे का काम जोर-शोर से चलाया जा रहा है।
3.6 किलोमीटर लंबा व 100 मीटर चौड़ा होगा रास्ता, 26 नवंबर को उपराष्ट्रपति ने रखा था नींव पत्थर
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा इस कॉरिडोर का नींव पत्थर 26 नवंबर को रखा गया था और साढ़े चाह माह में इसे तैयार करने की घोषणा की गई थी। सर्वे कर रहे अधिकारी राजिंदर सिंह ने बताया कि गुरदासपुर-अमृतसर रोड पर पड़ते गांव काहलावाली के नजदीक से भारत-पाक सीमा तक 3.6 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क गांव चंदू नंगल, पक्खो के टाहली साहिब, जोडिया कलां और डेरा बाबा नानक से होकर निकलेगी।
उन्होंने बताया कि इस सड़क की चौड़ाई 100 मीटर होगी और इसके लिए अासपास के 200 मीटर के दायरे की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। दस दिन में सर्वे का काम पूरा करके रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह से चल रहे काम में ढाई किलोमीटर तक रास्ते का सर्वे कर लिया गया है।
राजिंदर ने बताया कि सर्वे के दौरान रास्ते में एक श्मशानघाट, संत सरोवर नामक धार्मिक जगह और एक पंचायती छप्पड़ आया है। सर्वे पूरा होने के बाद तैयार की गई रिपोर्ट के बाद ही खर्च का सही अंदाजा लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में श्री गुरु नानक देव जी कई साल गुजारे थे। इस वजह से सिखों के लिए इस गुरुद्वारे का काफी अहम स्थान है।
रास्ते में घर आने से लोगों की चिंता बढ़ी
क्षेत्र निवासी बाबा सुखदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले दस लाख रुपये में जमीन खरीदी थी। 25 लाख रुपये खर्च करके घर बनाया गया था। अब रास्ते में उनका घर आ गया है और इससे उनकी चिंता बढ़ गई है। उन्होंने केंद्र व पंजाब सरकार से मांग की है कि अगर उनका घर गिराना भी है तो उससे पहले उन्हें विशेष सुविधा दी जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
क्षेत्र निवासी कुलविदर सिंह, हरजीत सिंह व गुरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें कॉरिडोर बनने की खुशी तो है, लेकिन खुद के घर उजाड़े जाने का दुख भी है। सीमा पर बसे होने के चलते जब-जब भारत और पाकिस्तान में युद्ध हुआ या तनाव की स्थिति बनी तो हमेशा उन्हें संताप झेलना पड़ा है। इस बार भी कॉरिडोर का रास्ता बनने से उन्हें भारी नुकसान होगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि प्रभावित लोगों के लिए कोई विशेष राहत घोषित की जाए।