एक और मामले में घिरे एसपी सलविंदर सिंह
पठानकोट में हुए आतंकी हमले को लेकर संदेह के रहे एसपी सलविंदर सिंह अब नए मामले में घिरते दिख रहे हैं। यह मामला ज्वेलर राजेश वर्मा के जम्मू निवासी जीजा पर केस दर्ज करने को लेकर है। बताया जाता है कि इसमें एनआइए गहराई से पड़ताल कर रही है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद विवादों में घिरे एसपी सलविंदर सिंह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। मामले की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) को पता चला है कि आतंकी हमले से एक सप्ताह पहले 26 दिसंबर को एसपी सलविंदर ने अपने दोस्त ज्वेलर राजेश वर्मा के जम्मू निवासी जीजा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी।
ज्वेलर दोस्त राजेश वर्मा के जीजा पर केस दर्ज करवाने पर भी एनआइए की नजर
सूत्रों के मुताबिक पीडि़त पक्ष की ओर से गलत आधार पर मामला दर्ज करने की शिकायत के बाद एनआइए ने केस के कागजात कब्जे में लेकर ज्वेलर वर्मा और एसपी सलविंदर के बीच संबंधों के इस पहलू की गंभीरता से पड़ताल शुरू कर दी है।
पांच दिन बाद एसपी व वर्मा का आतंकियों ने कर लिया अपहरण
उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर की रात एसपी सलविंदर, उनके कुक मदन गोपाल और दोस्त ज्वेलर राजेश वर्मा का आतंकवादियों ने कार सहित अपहरण कर लिया था। कार छीनने के बाद तीनों को छोड़ दिया था। फिर 2 जनवरी को तड़के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया।
गौरलतब है कि गुरदासपुर के ओंकार नगर निवासी ज्वेलर राजेश वर्मा की बहन सोनिया ने गुरदासपुर के एसएसपी गुरप्रीत सिंह तूर को शिकायत कर अपने पति जम्मू के जैन बाजार निवासी अजय वर्मा पर आरोप लगाया था कि वह उससे दहेज के लिए मारपीट करता है। करीब छह माह पहले उसके पति ने उससे मारपीट करके उसे घर से निकाल दिया और अब बिना उससे तलाक लिए ही दूसरी शादी भी कर ली है।
एसएसपी ने मामले की जांच 19 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन एसपी (हेडक्वार्टर) सलविंदर सिंह को सौंप दी। एसपी सलविंदर सिंह ने दो माह के जांच के बाद 24 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि मामले में सोनिया के बयान दर्ज किए। आरोपी अजय वर्मा तीन बार परवाना (लिखित संदेश) भेजने और एक बार फोन पर संपर्क करने के बावजूद पेश नहीं हुआ जिसके कारण उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
एएसआइ स्वर्ण सिंह ने बताया कि एसपी की सिफारिश के आधार पर थाना सिटी गुरदासपुर में 26 दिसंबर को अजय वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। हालांकि उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में आरोपी अजय वर्मा ने एनआइए को शिकायत की है कि उसके खिलाफ सिर्फ इसलिए केस दर्ज किया गया क्योंकि उसके साले राजेश वर्मा की एसपी सलविंदर सिंह नजदीकी थी।
एनआइए को इसलिए संदेह
-19 अक्टूबर को मामले की जांच सौंपे जाने के बाद एसपी सलविंदर सिंह ने पड़ताल में दो महीने लगा दिए जबकि दहेज या घरेलू हिंसा के मामले में तत्काल मामला दर्ज करने का प्रावधान है।
-आरोपी अजय वर्मा के खिलाफ 26 दिसंबर को मामला दर्ज किया गया। इसके पांच दिन बाद शिकायतकर्ता या उसके किसी संबंधी का जांच करने वाले अफसर के साध घूमना संदेहास्पद है।
-एसपी सलविंदर ने मामले की जांच दहेज, शारीरिक और मानसिक यातना के आरोपों के आधार पर की थी। मगर एफआइआर में उन्होंने धारा विश्वासघात करने की ही लगाने की सिफारिश की।