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आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचाना चुनौती

भारत पाक राष्ट्रीय सीमा पर रावी दरिया के किनारे बसे ऐतिहासिक कस्बा डेरा बाबा नानक में पंजाब में पानी बचाने के लिए पानी महापंचायत बुलाई गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 03:44 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 03:44 PM (IST)
आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचाना चुनौती
आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचाना चुनौती

संवाद सहयोगी, कलानौर : भारत पाक राष्ट्रीय सीमा पर रावी दरिया के किनारे बसे ऐतिहासिक कस्बा डेरा बाबा नानक में पंजाब में पानी बचाने के लिए पानी महापंचायत बुलाई गई। इसमें पंजाब भर से पानी बचाने वाले वातावरण प्रेमियों के अलावा सिख, मुस्लमान, हिदू और ईसाइ भाईचारे के नेताओं ने शिरकत की।

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पंथक तालमेल संगठन की देखरेख में करवाई गई पानी महापंचायत में भाई केवल सिंह पूर्व जत्थेदार तख्त दमादमा साहिब ने कहा कि पांच दरियाओं की धरती में पंजाब में गिरता जा रहा पानी चिंता का विषय है। वहीं हमें आने वाली पीढ़ी के लिए पानी को बचाना बड़ी चुनौती है। पंजाब के दरियाओं का पानी लूटा जा रहा है, लेकिन समय की सरकारें चुप बैठी हुई हैं। हमें अब पंजाब के पानी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इसमें सभी धर्मो को इकट्ठे होकर चलना होगा।

भाई जसविदर सिंह ने कहा कि दरियाओं का पानी लूटा जा रहा है। धरती के नीचे का पानी गिरना चिता का विषय है। एडवोकेट जसविदर सिंह ने कहा कि धरती के 71 फीसद पानी नहीं है और केवल ढाई फीसद धरती का पानी पीने योग्य है। पानी का दुरुप्रयोग को बचाने के लिए वाटर एप बनाई जाए। यहां पानी की हो रही दुरुप्रयोग को तुरंत जागरूक करके इसके खिलाफ प्रशासन व सरकारी तौर पर कार्रवाई हो सके। पानी को बचाने के लिए हमें कुदरती पानी की संभाल, रेन वाटर, पौधे लगाने, पौधे पालने, धरती में गंदे पानी को जाने से रोकना, दरिया के पानी को बचाने के लिए हमे सभी को सचेत होने की जरूरत है। इस मौके पर कामरेड गुरमीत सिंह बख्तपुरा, गुरइकबाल सिंह काहलों, इंद्र सिंह, सुखविदर सिंह, अमरीक सिंह, व अन्य उपस्थित थे। रोटी नहीं मिले तो जी सकते हैं, पानी के बिना नहीं

प्रो. मनजीत सिंह ने कहा कि पानी पीने के बिना जीना अति मुश्किल है। रोटी न मिले को मानव जिदगी जी सकता है, लेकिन पानी न मिले तो जीना कठिन है। भारत पाक के बंटवारे से पहले पंजाब के पानी जो बीकानेर, बहावलपुर,पैपसू, पटियाला, नाभा व हरियाणा को जाता था। उसके पैसे मिलते थे। लेकिन 1995 को हुई पानी के बंटवारे के दौरान हरियाणा, राजस्थान, बीकानेर को जाने वाले आठ एमएफ एकड़ पानी का 20 लाख करोड़ करीब पैसा अभी तक पंजाब को नहीं मिला। 1966 इरीग्रेशन एक्ट के तहत भी पंजाब से बड़ा धक्का हुआ है। 1984 से 3.5 एमएफ पानी पंजाब को 3.5 एमएफ पानी हरियाणा व दिल्ली को पानी बांट रहे हैं। सरकारों ने नहीं ली पानी की सुध

जसपाल सिंह सिद्धू ने कहा कि समय-समय की सरकारों ने पंजाब के पानी की सुध नहीं ली। पानी बचाने के मसले में हम सरकारों पर उम्मीद न रखें। पानी को बचाने के लिए हमें एकजुट होना चाहिए।


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