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रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल जारी, 110 बसों के चक्के थमे

पनबस-पीआरटीसी के कांट्रैक्ट वर्कर्स की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण रोजाना बटाला रोडवेज डिपो को करीब छह लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 05:47 PM (IST)
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल जारी, 110 बसों के चक्के थमे
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल जारी, 110 बसों के चक्के थमे

संवाद सहयोगी, बटाला : पनबस-पीआरटीसी के कांट्रैक्ट वर्कर्स की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण रोजाना बटाला रोडवेज डिपो को करीब छह लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। पिछले दो दिन से बटाला डिपो की 110 बसों का चक्का जाम कर करीब 200 कच्चे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सरकारी बसें न चलने से प्राइवेट बसों की चांदी हो रही है, क्योंकि जो पैसे सरकार के खाते में जमा होने थे वे अब प्राइवेट बस वालों के खाते में जा रहे हैं। हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के कारण राज्य के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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पंजाब रोडवेज डिपो बटाला में हड़ताल के दौरान सबोधित करते हुए उप प्रधान प्रधान परमजीत सिंह ने कहा कि उन्हें दो माह से वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। मुश्किल हो गई है। वे बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। परमजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने विभाग को पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि 18 मई को दोपहर तक उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ और उनका वेतन जारी नहीं किया गया तो संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों और वर्तमान सरकार में कोई फर्क नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते थे कि कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी, लेकिन जैसे ही वे सत्ता में आए कर्मचारियों में परेशानी उत्पन्न होगी। प्रधान परमजीत सिंह ने कहा कि अधिकारी सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं। वे अपनी जेब भरने के लिए कर्मचारियों को नाहक परेशान कर रहे हैं। पनबस और रोडवेज कांट्रैक्ट यूनियन के प्रधान परमजीत सिंह के अनुसार इसी तरह और भी कई मांगें विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी गई थीं। जैसे बसों में फ्री यात्रा पर रोक लगाएं, क्योंकि बसों में फ्री यात्रा वाले ही इतने लोग हो जाते हैं कि उन्हें टिकट वाले यात्री ढूंढने पड़ते हैं। इससे ट्रांसपोर्ट को घाटा हो रहा है। उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन है। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती उनको दो माह का वेतन खाते में नहीं डलवाती तब तक वे बसें नहीं चलेंगी, जो धरने प्रदर्शन पिछली सरकारों में होते थे, वहीं अब नई सरकार में शुरू हो गए हैं। आम आदमी पार्टी ने सता में आकर वादाखिलाफी की है। इस मौके पर भारी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे। बोले-आप सरकार ने किया धोखा

परमजीत सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले वादा किया था कि सभी को समान वेतन और छुट्टियों की जाएगी। ठेका प्रथा खत्म करके नियमित भर्ती की जाएगी, ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार में आते ही रेगुलर किया जाएगा। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने कुछ भी नहीं किया और उनके साथ धोखा किया है।


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