लोगों को काटकर देता रहा रसीदें, विभाग के खाते में जमा नहीं करवाए डेढ़ लाख रुपये
पावरकॉम विभाग में तैनात लोअर डिवीजनल क्लर्क का एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : पावरकॉम विभाग में तैनात लोअर डिवीजनल क्लर्क का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इसके बाद एक्सईएन सुरेश कश्यप ने क्लर्क को मुअत्तल करके मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों पर आधारित कमेटी बना दी है। क्लर्क का हैडक्वार्टर गुरदासपुर से बदलकर धारीवाल कर दिया गया है।
पावरकॉम की सब डिवीजन गुरदासपुर में तैनात लोअर डिवीजनल क्लर्क वरुण श्रीधर पावरकॉम के नेहरू पार्क के पास स्थित कार्यालय में तैनात था। उसने विभाग से करीब डेढ़ लाख रुपये का घोटाला किया है। वरुण बिल जमा करने का काम देखता था। पिछले काफी समय से वह लोगों को बिल लेकर उन्हें रसीदें काटकर दे रहा था, लेकिन बिलों से आने वाली राशि को विभागीय खाते में जमा नहीं करवा रहा था। इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कई लोगों को पुराना बकाया साथ लगकर नए बिल आ गए।
इसके बाद लोगों ने कार्यालय में जाकर अपनी रसीदें दिखाकर संपर्क किया तो अधिकारियों ने देखा कि वरुण ने लोगों को रसीदें काटकर तो दी थी, लेकिन उसके पैसे विभागीय खाते में जमा नहीं करवाए गए थे। मामला एक्सईएन के ध्यान में आने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एक्सईएन द्वारा क्लर्क वरुण को मुअत्तल कर मामले की जांच शुरु करवा दी।
पावरकॉम के एक्सईएन सुरेश कश्यप ने बताया कि वरुण ने लोगों के बिल काटकर करीब डेढ़ लाख रुपये की राशि विभागीय खाते में जमा नहीं करवाई। उसे मुअत्तल कर दिया गया है। वरुण से उक्त राशि वसूल करके विभागीय खाते में जमा करवा दी गई है। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों पर आधारित टीम गठित कर दी गई है। कमेटी में एसडीओ दिलबाग सिंह, अकाउंटेंट अमृतपाल सिंह व आरए गगन कुमार को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि वरुण का हैडक्वार्टर बदलकर गुरदासपुर से धारीवाल कर दिया गया है।