निर्माणाधीन सड़कें हुई दलदल में तब्दील
निकटवर्ती पहाड़ी एरिया में हुई ताजी बर्फबारी और पिछले 48 घंटों से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी।
संवाद सूत्र, बटाला : निकटवर्ती पहाड़ी एरिया में हुई ताजी बर्फबारी और पिछले 48 घंटों से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो जनवरी का प्रथम सप्ताह बारिश के बीच ही गुजर जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बेशक सर्दियों के मौसम में हो रही इस बारिश की वजह से आमजन को घरों से बाहर निकलने में कठिनाई महसूस हो रही है, लेकिन इस बारिश की वजह से प्रदूषण में कमी आने के कारण वातावरण स्वच्छ दिखाई दे रहा है और लोगों को गले तथा नाक के रोगों से संबंधित बीमारियों से निजात मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
दैनिक जागरण ने निकटवर्ती गांवों के किसानों से इस बारिश की वजह से फसलों पर होने वाले प्रभाव के बारे पूछा तो गांव फत्तेनंगल के जमीदार अवतार सिंह ने बताया कि यह बारिश गेहूं और हरा चारा जैसी फसलों के लिए सोने पर सुहागा की तरह काम करेगी। उधर, शहर की कई सड़कें जहां पर पिछले कई माह से सीवरेज डालने तथा उनके निर्माण का कार्य चल रहा है वे इस बारिश की वजह से कीचड़ में तब्दील हो गई। इस कारण दोपहिया वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल राहगीरों को भी अपना रास्ता बदल कर चलना पड़ा। इन सड़कों में श्री राम तलाई रोड, अमृतसर जालंधर, बाइपास रोड, जीटी रोड का कुछ हिस्सा अलीवाल रोड, हरनाम नगर प्रमुख हैं। बच्चे और बुजुर्ग घरों में दुबके
ओमीक्रोन के खतरे को भांपते हुए पंजाब सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाएं बंद कर देने की वजह से नन्हे मुन्ने बालक और युवा घरों के अंदर बैठकर आनलाइन पढ़ाई करते नजर आए, वहीं घर के बुजुर्गो ने भी घरों से बाहर निकलना बेहतर नहीं समझा। कई बाजारों में दुकानदार अलाव ताप ते नजर आए। वातावरण में ठिठुरन बढ़ने की वजह से जहां आम दुकानदारों का कारोबार प्रभावित हुआ, वहीं रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले कारोबारियों, ड्राई फ्रूट विक्रेता और मूंगफली, गजक इत्यादि बेचने वालों के चेहरे पर ग्राहकी बढ़ने की वजह से चमक दिखाई दी।