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परिवार तलाश रहा था बेटे के लिए बहू, पाक बॉर्डर से आई शहीद होने की खबर

गुरदासपुर के गांव खुदादपुर के जवान मनदीप कुमार पुलवामा (श्रीनगर) में आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह सीआरपीएफ में तैनात थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 08:58 PM (IST)
परिवार तलाश रहा था बेटे के लिए बहू, पाक बॉर्डर से आई शहीद होने की खबर
परिवार तलाश रहा था बेटे के लिए बहू, पाक बॉर्डर से आई शहीद होने की खबर

जेएनएन, बहरामपुर (गुरदासपुर)। सीआरपीएफ 182 बटालियन में तैनात गांव खुदादपुर के जवान मनदीप कुमार शनिवार को पुलवामा (श्रीनगर) में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए। घर वाले मनदीनप की शादी के लिए लड़की ढ़ूंढ़ रहे थे अौर यह मनहूस खबर आ गई। इससे परिवार में चित्‍कार मच गया और पूरा गांव शोक में डूब गया। मनदीप कुमार इससे पहले छत्तीसगढ़ में तैनात थे।

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शहीद मनदीप सिंह की बटिलायन वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ से पुलवामा में आई थी। मनदीप 2 मई को एक हफ्ते की छुट्टी बिता कर वापस ड्यूटी पर गए थे। मनदीप नया घर बनवा रहे थे। 29 वर्षीय मनदीप अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। शहीद मनदीप के पिता रंग रोगन (लेबर) का काम करते हैं। उसे अपने नए घर में बसने की बहुत हसरत थी, पर उसकी हसरत अधूरी रह गई।

मां को बताया, टांग में गोली लगी है

मनदीप कुमार के शहीद होने संबंधी उसकी माता कुंती देवी को नहीं बताया गया। उसकी मां को केवल यही बताया गया कि मनदीप कुमार की टांग पर गोली लगी है। किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह उसकी मां को बता पाए कि उसके बेटे ने देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए हैं। मनदीप के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो पूरे गांव में शोक छा गया।

शहीद के घर में शोकमग्‍न बैठीं महिलाएं।

दिल में ही रह गए बेटे की शादी के अरमान

मनदीप के पिता नानक चंद ने बताया कि मनदीप जाते समय उन्हें कह कर गया था कि वह अगली छुट्टी के बाद शादी कर लेगा। इसलिए वह नया घर भी बना रहे थे और अपने बेटे के लिए लड़की भी तलाश रहे थे। एक लड़की के परिवार ससे बातचीत होने के चलते वह एक दो दिन में उसे देखने के लिए जाने वाले थे, कि उसके शहीद होने की खबर उनके घर पहुंच गई। इसके चलते बेटे की शादी को लेकर संजोए सपने उनके दिल में ही रह गए।

आज होगा अंतिम संस्कार

मनदीप ने बारहवीं कक्षा स्वामी स्वरूपानंद मेमोरियल स्कूल खुदादपुर से पास की थी। करीब छह साल पहले वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार प्रेम कुमार गुरदासपुर व पुलिस थाना बहरामपुर के एसएचओ प्रेम कुमार शहीद के घर पहुंचे।


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