पकड़े गए तस्कर के खिलाफ पुलिस नहीं पेश कर पाई मजबूत प्रमाण
95 पेटी अवैध शराब बरामद करने के मामले में पकड़े गए आरोपित दर्शन सिंह को जब थाना सदर पुलिस ने अदालत से रिमांड हासिल करने की मांग की तो वहां पर अदालत ने उनसे मजबूत सुबूत मांगे।
विनय कोछड़, बटाला (गुरदासपुर) : 95 पेटी अवैध शराब बरामद करने के मामले में पकड़े गए आरोपित दर्शन सिंह को जब थाना सदर पुलिस ने अदालत से रिमांड हासिल करने की मांग की तो वहां पर अदालत ने उनसे मजबूत सुबूत मांगे। लेकिन पुलिस के पास सिर्फ बरामद हुई शराब की पेटियों के अलावा कोई मजबूत प्रमाण नहीं थे। अदालत ने उनकी रिमांड की अपील खारिज करते हुए आरोपित को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल गुरदासपुर भेज दिया। बाद में आनन-फानन में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ अतिरिक्त धारा लगा दी, मगर आरोपितों के खिलाफ अब अतिरिक्त धारा लगाने से पकड़े गए आरोपित की रिमांड हासिल करने में तो विफल रही।
हालांकि पुलिस अधिकारी प्रेसवार्ता में एक जवाब ही देते रहे कि फरार आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर उनके नेटवर्क का पता लगा लेगी। पुलिस के पास पक्के प्रमाण भी नहीं है कि आरोपित कहां फरार हो गए हैं। इनके नेटवर्क को पता लगाने के लिए पुलिस के पास अब कोई अहम सबूत भी नहीं बचा है। क्योंकि पकड़े गए आरोपित की अगर रिमांड मिल जाती तो उसे अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने में अहम जानकारियां हासिल हो सकती थीं। ऐसा संभव नहीं होने से पुलिस की चुनौतियां बढ़ सकती है कि अन्य फरार आरोपितों को किस प्रकार से गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि पुलिस ने अदालत में पुरानी रिपोर्ट की किसी कापी को आधार बनाकर पेश किया। इस कारण अदालत उनकी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं दिखी। इसी वजह से तस्करों के हौसले बुलंद
आबकारी धारा लगने से तस्करों को अदालत से जल्द जमानत मिल जाती है। इस कारण वे फिर से इस धंधे को करना शुरू कर देते है। इसी वजह से तस्करों के हौसले बुलंद रहते हैं। जमानत मिलने के बाद फिर से शराब तस्करी के धंधे में संलिप्त हो जाते हैं।